- नियमित आशा, एएनएम व डॉक्टर से सम्पर्क में रहने का मिला सुझाव
- मातृत्व वंदना योजना पर भी दी गई जानकारी
- आंचल में दी गयी पोषण की पोटली
छपरा: जिले में कोरोना संक्रमण की तमाम चुनौतियों के बीच अन्य सेवाओं को सुचारू करने का प्रयास किया जा रहा है। कुपोषण मुक्त समाज की परिकल्पना को साकार करने तथा सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है। आंगनबाड़ी केन्द्रों पर सेविकाओं द्वारा गर्भवती महिलाओं की गोदभराई कराई गई। गोदभराई में गर्भवती महिला को पोषण की पोटली उपहारस्वरूप दी गई जिसमें गुड़, चना, हरी सब्जियां, आयरन की गोलियां, ताजे फल आदि उपलब्ध थे। सभी महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान उपयोग में लेने वाले जरूरी पोषण की विशेष रूप से जानकारी दी गई। इसके साथ ही गर्भ के दौरान रखने वाली सावधानी, समय पर टीकाकरण व जांच आदि की जानकारी दी गई। गोदभराई की रस्म में आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका के साथ ही आशा व जीविका कार्यकर्ताओं ने भी भाग लिया।
नियमित आशा, एएनएम व डॉक्टरों के सम्पर्क में रहने का मिला सुझाव :
पोषण अभियान के जिला समन्वयक सिद्धार्थ कुमार सिंह ने बताया कि सभी गर्भवती महिलाओं को गर्भ के पूरे समय में अपने क्षेत्र की आशा, एएनएम व डॉक्टरों के सम्पर्क में रहने की सलाह दी गयी। उन्होंने कहा गर्भवती महिला को आपने स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान रखना चाहिए। इस दौरान महिला के शरीर में बहुत बदलाव होते हैं। इसलिए बजाय घबराने या किसी टोटकों के इस्तेमाल करने के महिलाओं को डॉक्टरों, एएनएम व आशा द्वारा दिए गए सुझावों पर अमल करना चाहिए। गर्भावस्था के दौरान आहार में विविधता की जरूरत होती है। इसलिए अपने आहारों में ऐसे पदार्थों का इस्तेमाल करें जिसमें प्रोटीन, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट एवं वसा की उचित मात्रा उपलब्ध हो। पोषण के रूप में हरी पत्तीदार सब्जियां एवं ताजे फल आदि का इस्तेमाल करें। साफ-सफाई पर ध्यान रखें ताकि खुद के साथ होने वाले शिशु को स्वस्थ रखा जा सके।
गर्भवती महिला व नवजात शिशु का टीकाकरण जरूरी :
सदर सीडीपीओ कुमारी उर्वशी ने बताया कि गर्भावस्था में महिलाओं को नियमित टीकाकरण करवाना चाहिए। गर्भावस्था के दौरान प्रसव पूर्व चार जांच के साथ ही टीकाकरण कार्ड को सुरक्षित रखना चाहिए। प्रसव के बाद नवजात शिशुओं को भी नियमित टीकाकरण करवाना चाहिए। टीकाकरण शिशुओं को बहुत सी गंभीर बीमारियों से बचाकर रखता है। टीकाकरण की विस्तृत जानकारी के लिए कोई भी महिला अपने क्षेत्र के आशा या एएनएम से सम्पर्क कर सकती हैं।
प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना की मिली जानकारी :
गोदभराई के दौरान महिलाओं को सरकार द्वारा चलाए जा रहे प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की जानकारी भी दी गई। गर्भवती महिलाओं को शिशु होने तक तीन किस्तों में कुल 5000 रुपये की राशि सरकार द्वारा प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के तहत दी जाती है। पहली किस्त 1000 रुपये दी जाती है । जिसके लिए किसी भी सरकारी स्वास्थ्य इकाई में गर्भ धारण करने के 150 दिनों के अंदर पंजीकरण कर जरूरी दस्तावेज देने पड़ते हैं। कम से कम 1 प्रसव पूर्व जांच करवाने पर 180 दिनों बाद दूसरी किस्त के रूप में 2000 रुपये एवं शिशु के जन्म के बाद उनके पंजीकरण व प्रथम चरण के टीकाकरण के बाद तीसरी किस्त के रूप में 2000 रुपये की राशि दी जाती है।
शिशु के जन्म के बाद छः माह तक कराएँ केवल स्तनपान :
गोदभराई के दौरान महिलाओं को शिशु के स्तनपान सम्बंधित जानकारी भी दी गई। प्रारंभिक अवस्था में उचित पोषण नहीं मिलने से बच्चों का शारीरिक एवं मानसिक विकास अवरुद्ध हो सकता है। इसलिए 0 से 6 माह के बच्चे को सिर्फ स्तनपान और 6 से 8 माह के शिशुओं को स्तनपान के साथ पौष्टिक ऊपरी आहार देना चाहिए। छ्ह माह तक शिशु को केवल स्तनपान कराने से दस्त और निमोनिया के खतरे से बचाया जा सकता है।