छपरा: अब बाढ़ प्रभावित इलाकों में तैनात रहने वाले लोगों के लिए विशेष टीकाकरण सत्र का होगा आयोजन

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  • बाढ़ राहत व बचाव में कार्य करने वाले अधिकारियों व कर्मियों को दी जाएगी कोविड वैक्सीन
  • कार्यपालक निदेशक ने बाढ़ के पूर्व सम्बंधित विभाग के लोगों को टीकाकृत करने का दिया निर्देश

छपरा: जिले में कोरोना संक्रमण के खिलाफ टीकाकरण अभियान तो चल ही रहा है। लेकिन, अब आगामी दिनों में आने वाली प्राकृतिक आपदाओं के मद्देनजर भी टीकाकरण करने की तैयारी शुरू की जाएगी। जून से जिले में मानसून के संभावित आगमन को देखते हुए बाढ़ नियंत्रण विभाग अपनी तैयारी में जुट चुका है। वहीं, बाढ़ के दौरान राहत व बचाव कार्य मे तैनात होने वाले सभी अधिकारियों व कर्मियों को कोरोना के संक्रमण से बचाने की तैयारी भी की जा रही है। इसके लिए राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार द्वारा जिलाधिकारी एवं सिविल सर्जन को पत्र जारी किया गया है। जिसमें कार्यपालक निदेशक ने बाढ़ की समस्याओं से निबटने के लिए राहत एवं बचाव कार्य करने वाले सभी विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए विशेष टीकाकरण सत्र आयोजित करने का निर्देश दिया है। जिसके आलोक में जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की टीम तैयारी में जुट गई है।

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बाढ़ प्रभावित इलाकों में तैनात रहते हैं इन विभागों के अधिकारी व कर्मी

पत्र के अनुसार बाढ़ के दौरान तैनात होने वाले सभी विभागों में पदस्थापित या कार्यरत पदाधिकारी व कर्मियों को कोविड-19 टीके की दोनों डोज देना सुनिश्चित किया जाएगा। पत्र में बताया गया है कि बिजली विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग, पथ निर्माण विभाग, लघु सिंचाई विभाग, कृषि विभाग, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, नलकूप विभाग, पुलिस विभाग, होमगार्ड, अग्निशमन विभाग, पशुपालन विभाग, शिक्षा विभाग, बाढ़ नियंत्रण विभाग, जल संसाधन विभाग, सभी प्रखंड व अंचल कार्यालयों के कर्मी, जीविका दीदियां, पंचायती राज विभाग के प्रतिनिधि, प्रशिक्षित गोताखोर, पंजीकृत नाविक व राष्ट्रीय राजमार्ग में कार्य कर रहे कर्मी बाढ़ के दौरान सक्रिय रूप से सहयोग करते हैं। जिन्हें कोविड-19 टीकाकरण के लिए फ्रंट लाइन वर्कर के रूप नामित करते हुए उनका कोविड-19 टीकाकरण कराये जाने को लेकर दिशा-निर्देश दिया गया है।

विशेष सत्र आयोजित कर दिया जाएगा टीका

बाढ़ नियंत्रण के लिए कार्यरत विभागों के पदाधिकारी व कर्मियों को उम्र के हिसाब से टीका दिया जाएगा। जिन अधिकारियों व कर्मियों का उम्र 18 से 44 वर्ष के बीच हैं, वैसे लाभार्थियों को राज्य संसाधन से उपलब्ध कराये जा रहे कोरोना के टीके दिए जाएंगे. वहीं जिनकी उम्र 45 वर्ष या इससे अधिक है, उन लाभार्थियों को भारत सरकार द्वारा उपलब्ध कराया जा रहे टीके दिए जाएंगे. इसके लिए उनके कार्य स्थल पर विशेष सत्र आयोजित कर कोविड-19 टीकाकरण करवाया जाएगा। इससे पहले बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में कार्यरत विभिन्न विभागों के अधिकारियों व कर्मियों को समय से पूर्व फ्रंट लाइन वर्कर के रूप में शामिल कर कोविड-19 टीकाकरण कार्य सुनिश्चित किया जाएगा। ताकि बाढ़ के समय इनलोगो को कोई परेशानी न हो सके। ऐसा इसलिए किया जाएगा, क्योंकि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में मानसून से पहले टीकाकरण कार्य पूरा करने से कोरोना की लहर से बचाव किया जा सकता हैं।