छपरा: अब आमजनों को परिवार नियोजन का संदेश देगा सारथी रथ, सीएस ने हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

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  • अब आमजनों को परिवार नियोजन का संदेश देगा सारथी रथ, सीएस ने हरी झंडी दिखाकर किया रवाना
  • जिले के सभी प्रखंडों में एक-एक रथ चलेगी
  • 25 सितंबर तक चलेगा मिशन परिवार विकास अभियान
  • स्थायी एवं अस्थायी विधियों के बारे में मिलेगी जानकारी
  • बिना चीर-फाड़ के दस मिनट में पुरूष नसबंदी संभव

छपरा: जिले में 13 से 25 सितंबर तक मिशन परिवार विकास अभियान चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में जागरूकता के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग के द्वारा सभी प्रखंडों में एक-एक सारथी रथ चलाया गया। सिविल सर्जन डॉ. जेपी सुकुमार के द्वारा हरी झंडी दिखाकर 20 सारथी रथ को रवाना किया गया। इस मौके पर सिविल सर्जन ने कहा कि सामुदायिक जागरुकता से परिवार नियोजन साधनों के इस्तेमाल में बढ़ोत्तरी दर्ज हो सकती है। सीमित परिवार हर मायने में खुशहाली का प्रतीक होता है। छोटे परिवार में ही बच्चों की बेहतर परवरिश संभव होती है एवं उन्हें जरूरी संसाधन उपलब्ध हो पाती है। इसलिए आम लोगों को नियोजित परिवार के विषय में संकल्पित होने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि पखवारे के दौरान सारथी जागरुकता रथ के जरिए स्वस्थ मां एवं तंदरुस्त बच्चा हेतु सही उम्र में शादी, पहला बच्चा शादी के कम से कम दो साल बाद, दो बच्चों के बीच कम से कम तीन साल का अंतर एवं बच्चे दो ही अच्छे विषय पर परामर्श देते हुए गर्भनिरोधक उपाय अपनाने को बढ़ावा दिया जाएगा। साथ ही परिवार नियोजन उपायों को अपनाने में पुरुषों की भी सामान सहभागिता सुनिश्चित करने पर विशेष बल दिया जाएगा।

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स्थायी एवं अस्थायी विधियों के बारे में मिलेगी जानकारी

सिविल सर्जन ने डॉ. जेपी सुकुमार ने बताया कि सारथी जागरुकता रथ के माध्यम से ग्रामीणों को परिवार नियोजन के स्थायी एवं अस्थायी विधियों के बारे में जानकारी दी जाएगी।महिला नसबंदी एक स्थायी साधन है जिसे मात्र 15 मिनट में दक्ष चिकित्सक द्वारा किया जाता है। या विधि प्रसव/ गर्भपात के 7 दिन के अंदर या 6 सप्ताह बाद अपनाया जा सकता है। इस मौके पर डीएमओ डॉ. दिलीप कुमार सिंह, डीपीएम अरविन्द कुमार, डीसीएम ब्रजेंन्द्र कुमार सिंह, डीपीसी रमेश चंद्र कुमार, डॉ. अमरेन्द्र कुमार सिंह, केयर डीपीओ आदित्य कुमार समेत अन्य मौजूद थे।

बिना चीर-फाड़ के दस मिनट में पुरूष नसबंदी संभव:

जिला स्वास्थ्य समिति के डीसीएम ब्रजेन्द्र सिंह ने बतया कि पुरुष नसबंदी भी एक स्थायी साधन है जिसे मात्र 10 मिनट में दक्ष चिकित्सक द्वारा बिना चीर-फाड़ के किया जाता है, इसमें 1 घंटा बाद लाभार्थी की छुट्टी भी हो जाती है। यह विधि कभी भी अपनायी जा सकती है एवं इससे किसी भी प्रकार की कमजोरी नहीं होती है। कॉपर-टी एक अस्थायी विधि जिससे बच्चों के जन्म में अंतर रखा जा सकता है. कॉपर- टी विधि 10 वर्षों एवं 5 वर्षों के लिए अपनायी जा सकती है। कॉपर-टी निकलवाने के बाद प्रजनन क्षमता तुरंत वापस आ जाती है।

गर्भनिरोधक गोली माला-एन है सुरक्षित:

डीपीएम अरविन्द कुमार ने बताया कि गर्भनिरोधक गोली माला-एन एक सुरक्षित हार्मोनल गोली है जिसे महिला को एक गोली प्रतिदिन लेनी होती है। माहवारी शुरू होने के 5 वें दिन से गोली की शुरुआत करनी चाहिए। स्तनपान कराने वाली महिलाओं को प्रसव के 6 माह तक इस गोली का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। अंतरा एवं छाया दोनों परिवार नियोजन के नवीन अस्थायी विधियां है। अंतरा एक सुई है जो तीन माह तक प्रभावी रहता है। लंबे समय तक सुरक्षा के लिए हर तीन महीने में सुई लगवानी होती है। जबकि छाया एक गोली है जिसे सप्ताह में एक बार तीन महीने तक, फिर सप्ताह में केवल एक बार जब तक बच्चा न चाहें।