- अर्थियां उठते देख बच्चे-बूढ़े,महिला-युवितयां- सबकी आखें छलक उठी
- 5 दोस्त कार पर सवार होकर निकले थे बारात
- किस्मत के खेल निराले मेरे भैया
- किस्मत का लिखा कौन टाले मेरे भैया
- किस्मत के खेल निराले मेरे भैया
- किस्मत के हाथ में दुनिया की डोर है
- किस्मत के आगे तेरा कोई ना जोर है
- सब कुछ है उसी के हवाले मेरे भैया
- किस्मत के खेल निराले मेरे भैया
✍️परवेज अख्तर /एडिटर इन चीफ: …….और छपरा से पोस्टमार्टम के बाद जैसे हीं मृतकों का पार्थिव शरीर उसके पैतृक गांव पहुंचा तो चारों तरफ चीख पुकार मची रही।सभी के मुंह से हृदय को करौंद देने वाली आवाजें निकल रही थी।एक साथ गांव से चार युवकों की अर्थियां उठीं तो पूरा सिहोरिया गांव रो पड़ा।अर्थियां उठते देख बच्चे-बूढ़े, महिला-युवितयां- सबकी आखें छलक रही थीं।परिजनों की दशा किसी कठोर हृदय को भी द्रवित कर रही थी।कल तक जहां शहनाई बज रही थी,खुशी और उल्लास की किलकारियां गूंज रहीं थीं,वहां रोने-बिलखने,चीख-चीत्कार की आवाज गूंजने लगी थी।यह सबकुछ एक मनहूस हादसे की वजह से हो रहा था जिसमें गांव के चार युवकों ने दम तोड़ दिया था।
मालूम हो कि रविवार को सारण के बनियापुर थाना क्षेत्र के करही चिमनी के पास रात्रि लगभग नौ बजे मारुति कार अनियंत्रित होकर पानी भरे गड्ढे में पलट गई। मारुति कार में थाना क्षेत्र के सिहोरिया के पांच युवक सवार होकर शादी समारोह में शामिल होने एकमा के खानपुर जा रहे थे।उनमें से चार की मौत हो गयी। मृतकों में अनिल ओझा का 22 वर्षीय पुत्र सुमंत कुमार, रामप्रवेश सिंह का 22 वर्षीय पुत्र अंकित सिंह, रामबालक सिंह का 20 वर्षीय पुत्र अभिषेक कुमार सिंह तथा रघुनन्दन दुबे का 20 वर्षीय पुत्र नवेंदु दुबे उर्फ धूमन शामिल हैं।