पटना: पंचायत चुनाव की घोषणा के साथ हीं राज्य के गांवों में चुनावी सरगर्मी बढ़ गई है। भावी उम्मीदवारों ने अपने अपने इलाके में वोटर्स के दरबाजे पर हाजिरी देना शुरु कर दिया है। लेकिन चुनाव के नियम कानून को लेकर उम्मीदवार और मतदाता असमंजस में हैं। सभी उम्मीदवार नामांकन प्रक्रिया और प्रचार प्रसार के नियमों की जानकारी जुटाने में जुट गए हैं। प्रशासन के पदाधिकारी तैयारियों में दिन रात लगे है। सरकार ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि उम्मीदवारों को हर हाल में राज्य निर्वाचन आयोग के गाइड लाइन का पालन करना होगा। नियमों का उल्लंघन करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।
धार्मिक स्थानों पर चुनाव प्रचार वर्जित
विश्वस्त सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, कोई भी उम्मीदवार धार्मिक स्थलों का उपयोग चुनावी प्रचार प्रसार के लिए नहीं कर सकेगा। जो उम्मीदवार किसी धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने के दोषी पाय जाते हैं उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा। इसके अलावा चुनावी प्रचार के लिए सार्वजनिक स्थलों का उपयोग नहीं किया जा सकेगा। किसी उम्मीदवार के खिलाफ कोई अन्य प्रत्याशी व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं कर सकता है और न ही समुदाय या धार्मिक चोट पहुंचाने वाला बयान दे सकता है। ऐसा करने वाले उम्मीदवार और उनके समर्थकों पर भी कार्रवाई होगी।
बैनर पोस्टर छपवाने के पहले लेना होगा अनुमति
पंचायत चुनाव में पोस्टर बैनर के उपयोग की अनुमति दी गयी है। लेकिन इसके लिए कुछ नियम तय किए गये हैं। जिला निर्वाचन पदाधिकारी से अनुमति लेकर हीं पोस्टर बैनर छपवाना है। दूसरे राज्य या जिले में पोस्टर बैनर छपवाना है तो उम्मीदवार को राज्य निर्वाचन आयोग से इसकी अनुमति लेनी होगी। पोस्टर बैनर पर प्रिंटिंग प्रेस का नाम, खर्च का विवरण और उसकी संख्या भी अंकित करना अनिवार्य है।
दूसरों के मकान पर सहमति लेकर हीं लगाना होगा पोस्टर
पंचायत चुनाव में नुक्कड़ सभा का आयोजन बगैर अनुमति के नही किया जा सकता है। उम्मीदवार को इसके लिए पूर्व अनुमति लेना पड़ेगा। दूसरों के मकान पर बिना सहमति के पोस्टर बैनर नही लगाया जा सकेगा। उस व्यक्ति से सहमति लेना अनिवार्य है। इसके लिए प्रखंड निर्वाचन पदाधिकारी से भी अनुमति लेना है। पंचायत चुनाव 2021 में चुनाव प्रचार प्रसार 48 घंटे पहले ही बंद कर देना होगा। उम्मीदवार अपने घर, कार्यालय या प्रचार गाड़ी पर पोस्टर बैनर आदि का उपयोग कर सकते हैं। प्रत्याशी अपना कार्यालय भी खोल सकते हैं लेकिन इसकी विस्तृत जानकारी उन्हें जिला निर्वाची पदाधिकारी को देना पड़ेगा और दैनिक गतिविधि से भी अवगत कराना पड़ेगा।