✍️परवेज अख्तर/एडिटर इन चीफ:
श्रम संसाधन विभाग जिले को बाल श्रम मुक्त बनाने की दिशा में लगातार प्रयास कर रहा है।बाल श्रम मुक्ति को लेकर कई महत्पूर्ण कदम भी उठाए जा रहे हैं। इसी क्रम में अब ऐसे बच्चों को शिक्षा से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। विभिन्न कार्यक्षेत्रों से विमुक्त कराए गए बाल श्रमिकों का पठन-पाठन व कौशल विकास को लेकर नजदीकी विद्यालयों में नामांकन कराया जाएगा, ताकि बच्चे अपने भविष्य को संवार सकें। शिक्षा विभाग द्वारा उम्र के सापेक्ष कक्षाओं में उनका नामांकन करवाया जाएगा। इसमें श्रम विभाग के स्थानीय पदाधिकारियों का आवश्यक सहयोग प्राप्त किया जाएगा।इसको लेकर श्रम विभाग की ओर से चाइल्ड लेबर ट्रैकिंग सिस्टम (सीएलटीएस) 2.0 पोर्टल विकसित किया गया है।
जिले को उपलब्ध कराया गया है लागिन आइडी व पासवर्ड :
मिली जानकारी के अनुसार विमुक्त कराए गए बाल श्रमिकों के संबंध मेंं सभी प्रकार की जानकारियां देखने का अधिकार देते हुए लागिन आइडी व पासवर्ड भी उपलब्ध कराया गया है। इस जानकारी को कैसे देखा जाए, इसके लिए विशेष प्रशिक्षक समन्वयक को प्रशिक्षित भी किया गया है। बता दें कि शिक्षा के अधिकार के तहत आठ से 14 वर्ष आयुवर्ग के सभी बच्चों को शिक्षा पाने का अधिकार दिया गया है। इसके तहत प्रत्येक बसावट/टोला की एक किलोमीटर की परिधि में प्राथमिक विद्यालय व तीन किलोमीटर की परिधि में उच्च प्राथमिक विद्यालय स्थापित की गई है। इन विद्यालयों में बिना किसी भेदभाव के सभी बच्चों का नामांकन उम्र सापेक्ष कक्षा में किया जाता है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार :
इस संबंध में शिक्षा विभाग को भी विभाग की ओर से निर्देशित किया गया है। इसके लिए शिक्षा विभाग द्वारा पहल की जा रही है।
प्रशांत राहुल कुमार, श्रम अधीक्षक, सिवान
“साभार दैनिक जागरण”