परवेज अख्तर /गोपालगंज:-कोरोना के लगातार बढ़ते प्रभाव को समाप्त करने के उद्देश्य से समूचे देश मे लगे लॉक डाउन के दौरान गोपालगंज के शहरी व ग्रामीण इलाकों के सैकड़ों की संख्या में छात्र देश के अन्य राज्यों में फंसे है।जिनके परिजन यहां बेहाल है । सनद रहे कि देश के अन्य राज्यों के बड़े शहरों में शिक्षा ग्रहण करने के लिए गए थे जो लॉक डाउन के चलते वहां पर परेशान हो कर रह गए है।अधिकांश परिजनों का मानना है कि बच्चे जब फोन कर रहे है तब रो रहे है,नतीजतन परिजनों की परेशानी का बढ़ना भी लाजमी है। गोपालगंज जिला मुख्यालय के अलावे बरौली,भोरे कटेया,थावे ,बथुआ के अलावे अन्य स्थानों से काफी संख्या में बच्चे कोटा,दिल्ली ,राजस्थान के अलावे बनारस व इलाहाबाद में फंसे हुए है।
सबसे ज्यादा परेशानी जिले के मीरगंज थाना क्षेत्र के कई छात्रों के साथ शुरू है जो गुजरात के कोटा शहर में फंस जाने के बाद मुसीबत में पड़ी हुई है। जहां एक तरफ मेडिकल और इंजीनियरिंग की तैयारियां करने गई बेटियां कोटा में लॉक डाउन के कारण फंसी हुई हैं और अपने घर वापस आने के लिए परिजनों से चिरौरी कर रही हैं। वहीं बेबस अभिभावक चाह कर भी उनका कोई भी मदद नहीं कर पा रहे हैं। उनके दर्द भरी बातें सुनकर यहां पर परिजन मर्माहत हो रहे हैं। मीरगंज की मिष्ठान व्यवसाई कृष्णा प्रसाद की पुत्री तान्या गुप्ता, वार्ड पार्षद मिथिलेश तिवारी की पुत्री अंजली कुमारी, रामाजी केसरी की पुत्री निशा, अजय पांडेय की पुत्री अंजली, रमेश मिस्त्री की पुत्री पूजा, शाहिद अली की संतान सहित कई कोटा में पढ़ने गया गई लड़कियां एवं छात्र छात्राएं वहां फंसे पड़े हैं।
जिसके कारण सभी परेशान अभिभावक अपने अपने संतानों को किसी भी कीमत पर घर लाने के लिए बेचैन है पर सरकार और प्रशासन के रुख को देखकर हतोत्साहित नजर आ रहे हैं।परेशान अभिभावकों का कहना था कि जब उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तराखंड आदि राज्यों की सरकारें कोटा से अपने विद्यार्थियों को बुला रही है और बिहार के नौनिहालों को बिहार सरकार उनके भाग्य भरोसे पर छोड़ दिया है। कई पीड़ित परिवारों ने उदाहरण देते हुए कहा कि यहां पर विधायक और उच्च अधिकारियों के संतान तो वापस बुलाए जा रहे हैं।
परंतु गोपालगंज जिले के कोटा में फंसे छात्रों के परिजन सरकार की बेरुखी के कारण अपने आप को बेबस महसूस रहे हैं। कोटा में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के मामले को देखते हुए सभी विद्यार्थियों के अभिभावकों की चिंता और बढ़ती जा रही है।इस दौरान मीरगंज शहर से सटे नरैनीया के गैराज मिस्त्री रमेश प्रसाद ने अपनी बेटी पूजा को कोटा से बुलाने के लिए हथुआ एसडीएम से गुहार लगाया है।