पटना: रेप केस में लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) सांसद और चचेरे भाई प्रिंस राज पासवान के साथ आरोपी बनाए जाने पर सफाई देते हुए लोजपा नेता चिराग पासवान ने बुधवार को कहा कि मैंने दोनो पक्षों की बात सुनी थीं और उन्हें पुलिस के पास जाने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा कि मैं आज भी इसके पक्ष में हूं कि पीड़ित को न्याय मिले। वहीं इस मामले में प्रिंस ने गिरफ्तारी से बचने के लिए दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दाखिल की है। अब इस याचिका पर गुरुवार को सुनवाई होगी।
चिराग ने कहा कि मैंने जनवरी में दोनों पक्षों को सुना, लेकिन कोई निर्णय लेने के लिए मैं जांच एजेंसी नहीं हूं। जो दोषी है उसे सजा मिलनी ही चाहिए। एफआईआर में मेरा भी नाम आया है, जहां कहा गया है कि यह मामला मेरी जानकारी में था। मैं तो कह ही रहा हूं कि मेरी जानकारी में था। मैं पहला व्यक्ति हूं जिसने सुझाव दिया था कि उन्हें यह आपराधिक मामला है और उन्हें पुलिस के पास जाना चाहिए और घटना की रिपोर्ट करनी चाहिए और मामले की जांच की जानी चाहिए। मैं अब भी आरोपियों को न्याय के कटघरे में लाने के पक्ष में हूं।
FIR में महिला ने कहा है कि होटल में रेप की बात मैंने चिराग पासवान को बताई थी, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया। चिराग पासवान को सबूत मिटाने का आरोपी बनाया गया है।
विदित हो कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान एलजेपी से जुड़ी एक युवती ने आरोप लगाया है कि मार्च 2020 में प्रिंस ने उसे दिल्ली के वेस्टर्न कोर्ट में बुलाकर नशीला पदार्थ पिला दिया, फिर दुष्कर्म किया। इसके बाद कई बार दुष्कर्म किया। उधर, प्रिंस राज ने युवती के खिलाफ पैसे मांगने के आरोप में पहले से मुकदमा दर्ज कराया है। प्रिंस राज के अनुसार युवती उन्हें एक करोड़ रुपये के लिए ब्लैकमेल कर रही थी।
जो भी हो, युवती के आरोप के आधार पर दर्ज एफआइआर के बाद अब प्रिंस राज की मुश्किलें बढ़ गईं हैं। उन्होंने दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दाखिल कर दी है। इसपर गुरुवर को सुनवाई होगी। इस मामले में प्रिंस पासवान गिरफ्तार किए जाएंगे या नहीं, यह कोर्ट के फैसले पर निर्भर करेगा।