- गड़खा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सीएस ने बच्चों को पिलाई विटामिन-ए की खुराक
- विटामिन-ए छमाही खुराक कार्यक्रम का शुभारंभ
- 23 से 26 दिसंबर तक चलेगा अभियान
- 9 माह से 5 वर्ष तक बच्चों को दी जायेगी खुराक
छपरा: जिले में आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर 9 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को विटामिन-ए की खुराक पिलायेंगी। बुधवार को जिले में विटामिन -ए छमाही खुराक कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। सिविल सर्जन डॉ. माधवेश्वर झा ने गड़खा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बच्चों को दवा पिलाकर अभियान की शुरुआत की।वहीं प्रभारी जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ दिलीप कुमार सिंह ने दरियापुर व डीएस डॉ रामईकबाल प्रसाद ने सदर अस्पताल में अभियान का उदघाटन किया। इस मौके पर सीएस ने कहा प्रत्येक 6 माह में विटामिन ए टीकाकरण अभियान स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाया जाता है। विटामिन ए शिशुओं को रोग प्रतिरोधक क्षमता के विकास में सहायक होता है। इसलिए सभी आम नागरिकों से हमारी अपील है कि अपने 09 माह से 05 वर्ष तक के बच्चों को विटामिन ए की दवा जरूर पिलाएं। मौके गड़खा के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सर्वजीत कुमार, विश्व स्वास्थ्य संगठन के एसएमओ डॉ. रंजितेश कुमार, यूनिसेफ के एसएमसी आरती त्रिपाठी, केयर इंडिया के बीएम प्रशांत कुमार सिंह समेत अन्य मौजूद थे।
आशा कार्यकर्ता गृह भ्रमण कर पिलायेंगी खुराक
सिविल सर्जन डॉ. माधवेश्वर झा ने बताया कि 9 माह से 5 वर्ष तक के सभी बच्चों को विटामिन ए की खुराक दी जानी है। आशा कार्यकर्ता गृह भ्रमण कर बच्चों को विटामिन ए की खुराक देंगी। आशा द्वारा 09 से 12 माह के बच्चों को 1 एमएल और 1 वर्ष से 5 वर्ष तक के बच्चों को 2 एमएल विटामिन ए की दवा दी जानी है। उन्होंने कहा नियमित टीकाकरण के दौरान पिछले 4 माह में जिन बच्चों को खसरे का टीका या बूस्टर डोज के साथ विटामिन ए की खुराक पिलाई गई है, ऐसे बच्चों को अभियान के दौरान विटामिन ए की दवा नहीं पिलाई जाएगी।
एक दिन अतिरिक्त चलेगा अभियान
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ दिलीप कुमार सिंह ने बताया कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए आशाओं द्वारा माइक्रोप्लान तैयार किया गया है। आशाएं 9 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को विटामिन ए खुराक देने के लिए प्रतिदिन के हिसाब से गृह भ्रमण करेंगी। 4 दिवसीय अभियान के दौरान आशा 02 दिन गृह भ्रमण कर एवं 02 दिन आंगनवाड़ी केंद्रों या टीकाकरण स्थल पर बच्चों को विटामिन ए की खुराक देंगी। इसके अलावा एक अतिरिक्त दिन भी अभियान में शामिल किया गया है, जिसमें सभी छूटे हुए बच्चों को दवा पिलाया जाना है।
विटामिन-ए की कमी को किया जायेगा दूर
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि विटामिन ए की कमी से बच्चे बार-बार बीमार पड़ते हैं एवं शिशु मृत्यु दर में बढ़ोतरी होती है। विटामिन-ए की कमी शरीर के सभी अंगों के लिए नुकसानदेह है, पर इसका प्रभाव केवल आंखों पर ही परिलक्षित होता है। इसे खत्म करने के लिए शिशुओं को विटामिन ए की खुराक देना जरूरी है। इससे उनके रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है। अभियान के द्वारा सभी बच्चों का टीकाकरण कर उनमें विटामिन ए की कमी को दूर किया जाना इस अभियान का मुख्य उद्देश्य है।
आशा कार्यकर्ताओं को मास्क व ग्लब्स का उपयोग करना होगा
विश्व स्वास्थ्य संगठन के एसएमओ डॉ. रंजितेश कुमार ने बताया आशा अपने क्षेत्र में गृह भ्रमण के दौरान कोविड-19 प्रोटोकॉल का ध्यान रखेंगी। इसके लिए आशा मास्क ग्लब्स इत्यादि का उपयोग करेंगी। बच्चों को दवा पिलाने से पहले आशा साबुन, सैनिटाइजर से अपने हाथों को साफ करेंगी एवं 6 फीट की शारीरिक दूरी का ध्यान रखेंगी। विटामिन ‘ए’ की खुराक पिलाने की गतिविधि कंटेंटमेंट क्षेत्रों में आयोजित नहीं की जाएगी और परिस्थिति सामान्य होने के उपरांत ही वहां उपलब्ध बच्चों को विटामिन ए दवा उपलब्ध कराई जाएगी।