परवेज़ अख्तर/सिवान:
कोरोना महामारी के दौरान लॉकडाउन से ही जंक्शन के बाहर सर्कुलेटिग एरिया स्थित बाइक व साइकिल स्टैंड बंद है। इस कारण जंक्शन पर आने वाले लोगों को अपनी साइकिल, बाइक व बड़े वाहन खड़े करने के लिए सोचना पड़ रहा है। इनकी गाड़ियां राम भरोसे बिना किसी सुरक्षा के सर्कुलेटिग एरिया में खड़ी हो रही हैं। इस कारण वाहन चालकों को अपनी गाड़ियों की चिता सता रही है। क्योंकि वाहन चोर गिरोह जंक्शन पर पूरी तरह से सक्रिय हैं। वहीं जीआरपी और आरपीएफ की भी परेशानी इन दिनों बढ़ गई है। वहीं विभाग की मानें तो पैसे को लेकर ये स्टैंड बंद है।
ठेकेदार को प्रतिदिन दस हजार रुपए रेलवे को देने हैं, लेकिन कोरोना महामारी को लेकर बहुत सी ट्रेनों का परिचालन बंद होने के कारण यात्रियों की आवाजाही पूरी तरह से बंद हो गई और बाइक स्टैंड में लोगों की गाड़ियां खड़ी होना बंद हो गईं। ऐसे में स्टैंड चालक की आमदनी जैसे जैसे घटती चली गई वैसे वैसे वह रेलवे को राजस्व देने में कतराने लगा और अपनी असमर्थता जताते हुए स्टैंड चलाने के लिए हाथ खड़े कर दिए। इस कारण मजबूर होकर रेलवे को अपनी साइकिल स्टैंड को बंद करना पड़ा है। जानकारी के अनुसार प्रतिदिन रेलवे को इस स्टैंड से 10 हजार रुपये की आमदनी होती थी।
अधिकारी व यात्री दोनों परेशान
बता दें कि पहले सुरक्षा दृष्टिकोण से रेलवे अधिकारी व यात्री अपनी बाइक व साइकिल को स्टैंड में खड़ा करते थे। अब स्टैंड के बंद होने से रेलवे अधिकारियों को अपनी-अपनी बाइक को प्लेटफॉर्म नंबर एक जीआरपी पोस्ट के समीप लगानी पड़ रही है तो वहीं यात्रियों को लावारिस स्थिति में बाइक को सर्कुलेटिग एरिया में छोड़नी पड़ रही है।
कहते हैं अधिकारी
लॉकडाउन के समय से ही साइकिल एवं बाइक स्टैंड बंद है। स्टैंड में बाइक की संख्या कम होने से उसने पैसा देने में असमर्थ जाहिर की है। प्रतिदिन उसको दस हजार रुपए राजस्व रेलवे को देने होता था।
गणेश यादव
डीसीआई, सिवान जंक्शन