पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समाज सुधार अभियान के तहत आज सासाराम पहुंचे। वहां उन्होंने सभा को संबोधित किया और लोगों से शराब से दूर रहने की अपील की। सीएम नीतीश ने कहा कि शराब पीयेंगे तो इसी तरह से मरेंगे। हाल ही में खबर आई कि जहरीली शराब से 40 लोगों की मौत हो गई। इसके बाद हमने हाई लेवल मीटिंग की थी। सीएम नीतीश ने कहा कि हम किसी को शराब पीने की इजाजत नहीं दे सकते। शराब पीने वाला इंसान हैवान हो जाता है। यह बापू का कहना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर लोग शराब बेच रहे और लोग शराब पी रहे हैं तो यह बहुत दुखद बात है। विकास की बात कितना कर रहे हैं? जब से हमने बिहार के लोगों ने काम करने का मौका दिया तब से विकास का काम कर रहे हैं। हम यह कहना चाहते हैं कि हमलोग तो शुरू से विकास का काम कर रहे हैं। 24 नवंबर 2005 के दिन शपथ लिया और तब से आज 16 साल हो गये काम करते-करते। पहले क्या स्थिति थी, स्कूलों-अस्पतालों की क्या स्थिति थी? पहले शाम होने के बाद कोई घर से बाहर निकलता था क्या, कितना अपराध था? आज कितनी स्थिति बदली है। समाज के हर तबके का विकास किया। महिलाओं, दलितों, पिछड़े, अतिपिछड़े और अल्पसंख्यकों के उत्थान के लिए विशेष काम किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने दूबारा के.के पाठक जी को जिम्मा दिया है। जब हमलोग शराबबंदी लागू कर रहे थे तब भी इन्ही को जिम्मा दिया था। एक बार फिर से इन्हें मद्य निषेध विभाग के प्रधान सचिव बनाया है। पहले जितना अच्छा काम हुआ अब फिर से हो रहा है। जितना भी अच्छा से अच्छा काम करिये लेकिन कुछ न कुछ गड़बड़ करता ही है। भगवान को भी काफी झेलना पड़ा था। कुछ न कुछ तो गड़बड़ करेगा। इसके लिए जरूरी है कि अभियान चलता रहे।
हमने चारो जिलों के बारे में अधिकारियों ने रिपोर्ट मांगी। यह उत्तर प्रदेश से सटा इलाका है। कुछ लोग इधर-उधर करते हैं। वहां दारू बनायेगा यहां भेजता है। बगल के राज्य से शराब आता है। लेकिन हमलोगों ने रोकने का सारा इंंतजाम किया है।पड़ोसी राज्य में आने-जाने वाले लोगों पर नजर रखें। अब इधर-उधर से शराब आ रहा तो वो कितना गंदा रह रहा है? आज बहुत लोग जो गड़बड़ हैं वो बयान देते हैं कि बाहर से आने वालों को शराब पीने की छूट मिलनी चाहिए। यह संभव नहीं है कि बिहार में आकर कोई शराब पीये। हम किसी को इजाजत नहीं देंगे। अगर दारू पीने में दिक्कत है तो मत आइए बिहार। यहां आने की इजाजत नहीं है।