पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग की 1919 करोड़ की 772 योजनाओं का शिलान्यास व उद्घाटन किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मुजफ्फरपुर के एक निजी अस्पताल में मोतियाबिंद के आपरेशन के क्रम में जिन लोगों की आंख की रोशनी गयी, उन्हें सरकार आर्थिक मदद देगी। इसके अतिरिक्त जो अन्य लोग हैं, उनका इलाज सरकार अपने खर्चे पर कराएगी। इलाज में लापरवाही बरतने वाले अस्पताल पर कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार अपने स्तर से इस तरह के इलाज की व्यवस्था कर रखी है। हम चाहेंगे कि जो निजी अस्पताल चलाते हैं, वे इसे ठीक ढंग से चलाए। बहुत सारे निजी अस्पताल बेहतर ढंग से काम करते हैं।
स्वास्थ्य विभाग के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कई महत्वपूर्ण घोषणाएं भी कीं। उन्होंने कहा कि पटना में बच्चों के लिए एक सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल खोला जाएगा। पहले से पटना में राजेंद्र नगर में आंख, राजवंशी नगर में हड्डी तथा गार्डिनर रोड अस्पताल हैं। दो का निर्माण कराया जा चुका है। गार्डिनर रोड का काम भी जल्द शुरू होगा। ये अस्पताल स्वायत्त होंगे। ये किसी अस्पताल के अधीन नहीं, बल्कि स्वास्थ्य विभाग के अधीन काम करेंगे।
मुख्यमंत्री ने यह घोषणा भी की कि पटना के AIIMS में इलाज के लिए भर्ती रोगियों के परिजनों के रहने के लिए पास में ही राज्य सरकार अपनी तरफ से रोगी परिचारी गृह का भी निर्माण कराएगी। साथ ही पटना एम्स को विस्तार के लिए अतिरिक्त जगह दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न किस्म के रोगों के इलाज के लिए मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष से मदद दी जाती है। उसे अगर और बढ़ाने की जरूरत है तो इसकी समीक्षा कर लें। उन्होंने बिहार में इन दिनों कोरोना के बढ़ते मामलों व ओमिक्रोन की चर्चा करते हुए यह भी कहा कि खतरा टला नहीं है। इसलिए लोग सतर्क रहें।