पटना: जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में सीएम नीतीश कुमार लोगों की समस्याएं सुन रहे थे। मुख्यमंत्री ने इस दौरान स्वास्थ्य महकमे के अधिकारियों की लेटलतीफी पकड़ी। इसपर उन्होंंने चुटकी भी ली। फोन कर कहा कि आप लेट तो आ गए न। दरअसल मधेपुरा से आए एक फरियादी की समस्या पर बात करने के लिए उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की खोजखबर ली थी।
मधेपुरा से आए फरियादी ने बताया कि मुख्यमंत्री जी जननायक कर्पूरी ठाकुर चिकित्सा महाविद्यालय में 2019 में विभिन्न पदों पर बहाली के लिए विज्ञापन निकला था। लेकिन औपबंधिक सूची निकालने के बाद कुछ नहीं हुआ। सीएम ने कहा कि वह संस्थान तो बीसे (2020) में चालू हुआ है न। फरियादी ने कहा कि नहीं सर, 19 में। इसके बाद बगल में बैठे अधिकारी की तरफ मुखातिब होकर सीएम ने कहा कि हम तो गए ही थे। मार्च 20 में ही तो हुआ था। फरियादी चला जाता है। सीएम पूछते हैं स्वास्थ्य वाले आ गए। उनके स्टाफ बताते हैं कि जी, आ गए। सीएम उधर ताकते हुए पूछते हैं, कहां पर हैं। फिर जवाब मिलता है सर वहां पर।
इसके बाद वे कहते हैं कि स्वास्थ्य विभाग को फोन लगाओ। फोन लगते ही सीएम कहते हैं, क्या भाई आप लेट तो आ गए न। उधर से कुछ कहा जाता है तो सीएम हंसते हुए कहते हैं लेट हुआ न। इसके बाद वे बोलते हैं कि ये मधेपुरा वाले आए हैं। कर्पूरी चिकित्सा महाविद्यालय वाले। जरा आप देख लीजिए। आपके पास भेज दिए हैं। 2019 में वैंकेंसी निकली थी। लेकिन काम शुरू हुआ था 2020 में। उसके बाद ही तो कोरोना का दौर शुरू हुआ है। लेकिन किस चीज की भर्ती का मामला है। देख लीजिए। सब तो करवाना न चाहिए।
सीतामढ़ी से आए एक शिक्षक ने छह माह का वेतन लंबित होने की शिकायत की। एक फरियादी ने कहा कि एक शिक्षक पर प्रपत्र क गठित है। पोशाक एवं भवन निर्माण मामले में गड़बड़ी का आरोप सिद्ध होने के बाद भी कार्रवाई नहीं की गई। लोक शिकायत निवारण अधिकारी की रिपोर्ट के बाद भी कार्रवाई नहीं की गई है। इस पर एक अधिकारी ने बताया कि कार्रवाई की जा रही है।