पोषण अभियान को जन-आंदोलन बनाने में मिला कम्युनिटी रेडियो का साथ

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  • पोषण अभियान के संदेशों को जन-जन तक पहुंचाने में आगे आया रेडियो मयूर
  • रेडियो मयूर के माध्यम से पदाधिकारियों ने पोषण अभियान को जन आंदोलन बनाने के की अपील

छपरा: सितंबर माह को जिले में राष्ट्रीय पोषण माह के रूप में आईसीडीएस विभाग के द्वारा मनाया जा रहा है। इस दौरान समाज से कुपोषण को मिटाने के लिए समुदाय स्तर पर तमाम गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। इसके साथ-साथ पोषण के संदेशों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए आम जनों को जागरूक भी किया जा रहा है। जागरूकता रथ व ऑडियो-वीडियो, सोशल मीडिया के माध्यम से आईसीडीएस के द्वारा पोषण पर जागरूकता फैलाया जा रही है। इसी कड़ी में पोषण के संदेशों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए कम्युनिटी रेडियो का साथ भी मिल रहा है। शहर का एकमात्र रेडियो स्टेशन रेडियो मयूर 90.8 एफएम के द्वारा पोषण पर जागरूकता संदेश फैलाया जा रहा है। कम्युनिटी रेडियो के माध्यम से आईसीडीएस विभाग के पदाधिकारियों ने पोषण अभियान को जन आंदोलन के रूप में तब्दील करने के लिए सारण वासियों से अपील की है तथा इसमें सभी की भागीदारी सुनिश्चित कराने के लिए लोगों को अधिक से अधिक जागरूक किया जा रहा है।

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जनभागीदारी से सफल होगा पोषण अभियान

राष्ट्रीय पोषण मिशन के जिला समन्वयक सिद्धार्थ सिंह ने रेडियो मयूर के माध्यम से सारण वासियों से अपील करते हुए कहा, जनभागीदारी से ही पोषण अभियान को सफल बनाया जा सकता है। उन्होंने आयोजित की जाने वाली गतिविधियों के बारे में जानकारी देते हुए कहा, कुपोषण को मिटाने के लिए समुदाय स्तर पर गृह भ्रमण, गोद भराई, अन्नप्राशन, पोषण वाटिका का निर्माण, आयरन की गोली का वितरण, बच्चों के बीच सुधा दूध का वितरण समेत अन्य गतिविधियों का आयोजन आंगनबाड़ी सेविकाओं के द्वारा किया जा रहा है। अंतर विभागीय सहयोग के साथ जिले में पोषण अभियान चलाया जा रहा है। जिसमें आईसीडीएस, स्वास्थ्य विभाग, पंचायती राज, शिक्षा विभाग समेत अन्य विभागों के साथ मिलकर पोषण अभियान को जन आंदोलन बनाने की मुहिम शुरू की गई है।

पोषण के 5 सूत्रों से दूर होगा कुपोषण

आईसीडीएस के जिला परियोजना सहायक आरती कुमारी ने कम्युनिटी रेडियो के माध्यम से कहा, कुपोषण को मिटाने के लिए विभाग के द्वारा पांच सूत्र तैयार किए गए हैं। पोषण के पांच सूत्रों से ही समाज से कुपोषण को मिटाया जा सकेगा। आंगनबाड़ी सेविका घर-घर जाकर लोगों को पोषण के पांच सूत्रों के बारे में जानकारी दे रही हैं। इस पोषण माह में आम लोगों को पोषण पर जागरूक करने के लिए सामुदायिक स्तर पर आयोजित होने वाली गतिविधियों पर ज़ोर दिया जा रहा है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा पोषण त्योहार से व्यवहार परिवर्तन के लिए पोषण के पाँच सूत्र दिये गए हैं। जिसमें पहले सुनहरे 1000 दिन, पौष्टिक आहार, अनीमिया प्रबंधन, डायरिया रोकथाम एवं स्वच्छता को शामिल किया गया है।

पीएमएमवाई के तहत गर्भवती महिलाओं को दी जा रही है सहायता राशि

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के जिला समन्वयक निभा कुमारी ने बताया, पोषण अभियान के साथ-साथ सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के बारे में भी आम जनों को जागरूक किया जा रहा है। इस योजना के तहत गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को योजना का लाभ दिया जा रहा है। जिला समन्वयक निभा कुमारी ने बताया, इस योजना के तहत गर्भावस्था के पंजीकरण कराने पर पहली किस्त में ₹1000 तथा दूसरी किस्त लाभार्थी के 6 महीने की गर्भावस्था के बाद कम से कम एक प्रसवपूर्व जांच कराने पर ₹2000, जब बच्चे का जन्म पंजीकृत हो जाता है और बच्चे को बीसीजी, ओपीवी, डीपीटी और हैपेटाइटिस-बी सहित पहले टीके का चक्र शुरू होता है तो तीसरी किस्त में ₹2000 की सहायता राशि दी जाती है।

वोलेंटियर रूप में जुड़े शहर के युवा तब स्वस्थ समाज का होगा निर्माण

स्वास्थ्य भारत उत्प्रेरक राकेश मिश्रा ने शहर के युवाओं से अपील करते हुए कहा, जिस तरह से युवा ब्लड डोनेशन तथा अन्य कार्यक्रमों में वॉलिंटियर्स के रूप में काम कर रहे हैं। ठीक उसी प्रकार कुपोषण को जड़ से मिटाने के लिए युवाओं को भी आगे आने की जरूरत है। वे आईसीडीएस के साथ वॉलिंटियर्स के रूप में जुड़ कर पोषण के संदेशों को जन-जन तक पहुंचाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। इससे काफी हद तक पोषण अभियान को जन आंदोलन के रूप में तब्दील करने में सफलता हासिल किया जा सकता है।