- कमिटी ने लगाई निर्माण पर रोक
- कमेटी के सदस्यों ने पुलिस का भी लिया सहारा
परवेज अख्तर/ एडिटर इन चीफ :
दिल्ली गेट स्थित जदीद कब्रिस्तान में सिवान के पूर्व दिवंगत सांसद डॉ मोहम्मद शहाबुद्दीन की पक्की कब्र बनाने का मामला तूल पकड़ रहा है। यहां जगह की कमी को देखते हुए पहले से ही कब्र को पक्की करने की मनाही है। उसमें भी कोरोना संक्रमण के कारण अत्यधिक मौतों को देखते हुए तो इसपर पूरी तरह से रोक है, लेकिन उनकी कब्र को पक्की किया जा रहा है। जिसपर विवाद छिड़ गया है। तिहाड़ जेल में सिवान के चर्चित तेजाब हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे शहाबुद्दीन का कोरोना संक्रमण के कारण एक मई को उनका निधन हो गया था। हालांकि, उनके घर वाले उनके शव को सीवान के प्रतापपुर पैतृक गांव में ही दफनाने के लिए ले जाना चाहते थे। पर इसकी मंजूरी नहीं मिली और उनके शव को दिल्ली गेट स्थित कब्रिस्तान में दफनाया गया।अब उसी कब्र को पक्का करने का काम किया जा रहा है।
बताया जाता है कि जब इसे पक्का करने की शुरूआत हुई तो कब्रिस्तान की कमेटी ने उसे रूकवाने की भी कोशिश की। पुलिस भी बुला ली गई है। पर अब फिर से काम शुरू हो गया है। फिलहाल इसपर कमेटी का कोई सदस्य बोलने को तैयार नहीं है।वहीं, मंसूरी वेलफेयर फाउंडेशन के अध्यक्ष हसनैन अख्तर मंसूरी ने कहा कि आम लाेगों के लिए अलग तथा पूर्व सांसद के लिए अलग नियम नहीं हो सकते हैं। उन्हाेंने बताया कि वर्ष 1992 में ही कब्रिस्तान कमेटी ने एक कानून बनाकर कब्र को पक्की करने पर रोक लगा दी थी। अब इस कब्र को जगह घेर कर ईंट से कैसे पक्की की जा रही है। इसकी जांच होनी चाहिए।बतादें कि पूर्व सांसद की शहाबुद्दीन की एक मई को कोरोना के कारण उनका निधन हो गया था।इसके बाद उन्हें आइटीओ स्थित कब्रिस्तान में दफनाया गया था। इस कब्रिस्तान में कब्र को पक्का करने की इजाजत नहीं है।