कोरोना ने बदल दिया जीवन जीने का तरीका, व्यवहार परिवर्तन से बदलाव की पहल

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  • बच्चे व बुजुर्ग कर रहे सेनिटाइजर का उपयोग, घर-घर में अब सफाई की आदत बनी
  • स्वच्छता के प्रति लोगों में आयी जागरूकता

छपरा: कोरोना ने समाज के सभी वर्ग के लोगों को समान रूप से प्रभावित किया है. यही वजह है कि महामारी के इस दौर में लोगों के व्यवहार में कई स्तर पर परिवर्तन भी आए हैं. इससे जहां पुरुषों की दिनचर्या में काफी बदलाव आया वहीं दूसरी तरफ महिलाओं की जिम्मेदारी पहले से और ज्यादा बढ़ गई।कोरोना को लेकर लोगों के मन में भय की वृद्धि होना एक पहलु है, जबकि इसका दूसरा पहलू यह भी है कि लोग दिनोंदिन स्वच्छता के प्रति काफी जागरूक हो गए हैं। गृहणियां कोरोना योद्धा के रूप में काम करते हुए बाहर से आने वाले परिवार के सदस्यों के साबुन या सेनिटायजर से हाथ धुलवा रही हैं। गृहणियां घर के सदस्यों के मास्क समय-समय पर धो रही हैं। कोरोना वायरस की दौरान लोगों की दिनचर्या में काफी बदलाव आया है। महज ढाई माह से ज्यादा समय में ही कोरोना के कारण लोगों ने अपने जीवन जीने के तरीके को बदल दिया है। लोगों की दिनचर्या में आई अचानक बदलाव ने लोगों को खुद को अधिक सतर्क और सावधान रहने पर मजबूर भी किया है.

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घर के जिम्मेदारियों के साथ करती हूं समाजसेवा

सदर प्रखंड के फकुली पंचायत के पूर्व मुखिया वर्षा सिंह का कहना है इस कोरोना वायरस के वजह से उनके जीवन जीने के तरीकों में काफी बदलाव आया है। घर में खाना बनाने के साथ सामाजिक कार्यों में वह मदद करती है. उन्होंने बताया कोरोना से सभी की दिनचर्या में आमूलचूल परिवर्तन आया है। पहले बच्चों को स्कूल भेजने की आपाधापी रहती थी. अब उनकी जिम्मेदारी और बढ़ गई है। साथ ही एक जनप्रतिनिधि होने के साथ सामाज के लोगों की भी जिम्मेदारियां होने के कारण वह अपने आस-पास और क्षेत्र के जनता को इस महामारी से बचाव के लिए जागरूक भी करती हैं. साथ ही मास्क पहनने व सामाजिक दूरी का पालन करने के लिए लोगों को प्रेरित करती है.

बिना मास्क के दुकान में एंट्री नहीं

शहर के नगरपालिका चौक स्थित मोबलिटी मोबाइल स्टोर के संचालक सनीष तिवारी कहते हैं बिना मास्क के किसी को भी अपनी दुकान में वह अंदर नहीं आने देते है. साथ ही दुकान में किसी के दुकान आने पर वह उन्हें उसे हैंड सेनिटाइजर देना भी नहीं भूलते हैं। वह कहते हैं, दुकान में बहुत तरह के लोग आते हैं। कौन-कहां से आता है, यह पता नहीं रहता है। इसलिए दुकान में घुसने से पहले वह लोगों को हैंड सेनिटाइज करने के लिए कहते हैं। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सभी की जिम्मेदारी बनती है। इसलिए सभी को मिलकर काम करना चाहिए।

सोशल मीडिया के माध्यम से करती हूं जागरूक

शहर के आईडीएल पब्लिक स्कूल के प्राचार्या डॉ. अंजली सिंह कहती हैं इस कठिन घडिय़ों में पूरे परिवार को एक रखने की क्षमता केवल भारतीय महिलाओं में है। नकारात्मक खबरों के बीच परिजनों में सकारात्मक ऊर्जा बनाये रखना बेहद मुश्किल था पर उन्होंने कर दिखाया। लॉकडाउन ने सभी को परिवार के और नजदीक ला दिया। इससे बचाव के लिए सरकार की ओर से प्रयास किये जा रहे हैं। लेकिन आम नागरिक होने के नाते उनकी भी जिम्मेदारी है कि वह भी लोगों को इस खतरनाक बीमारीसे बचाव के लिए जागरूक करूं। वह अपने फेसबुक के माध्यम से वीडियो बनाकर लोगों को जागरूक करने की प्रयास करती है। लगातार इस पर कई वीडियो बनाकर अपने फेसबुक पर अपलोड की हूं। इससे लोगों को खास जानकारी भी मिलती है कुछ लोग इसका पालन भी करते हैं।

महिलाओं को निभानी होगी कोरोना योद्धा की भूमिका

महिला हेल्पलाइन के परियोजना प्रबंधक मधुबाला कहती हैं परिवार की सुरक्षा के लिये महिलाओं को आगे आकर कोरोना योद्वा की भूमिका निभानी होगी। उन्होंने कहा कोरोना महामारी के दौरान अपने परिवार, गांव व क्षेत्र को बचाने के लिये सभी महिलाओं को आगे आना होगा। सरकार ने जो गाईडलाईन जारी की है उसका सही रूप से पालन करने से ही कोरोना से बचा जा सकता है। इसके लिये सभी महिलाएं अपना दायित्व निभाये तथा घर पर रह कर ही अपने दैनिक जीवन के कार्यो का निस्तारण करे। अति आवश्यक होने पर ही घर से निकले, लेकिन पूर्ण सुरक्षा के साथ।