परवेज अख्तर/सिवान:
लोकतांत्रिक तरीके से किसानों ने अपनी आवाज को सरकार के सामने उठा रहे हैं, लेकिन अडानी-अंबानी के आगे किसानों की मांग पूरी नहीं कर रहे हैं. इतिहास गवाह है, अंग्रेज भारत को अपना जागीर समझ रहे थे. लेकिन देश की जनता ने 1857 , 1942 के आंदोलन के आगे जलकर राख कर दिया.अंग्रेजों को 1947 में देश छोड़ भागना पड़ा. ठीक उसी तरह सरकार जनता की बुनियादी समस्या स्वास्थ्य, शिक्षा रोजगार, महंगाई पर विचार ना कर देश की जनता को 2014 से अभी तक 2 नम्बर के सवालों में उलझा कर रख दिया है. जैसे मंदिर, मस्जिद , हिंदुस्तान, पाकिस्तान, भारत , चीन, नोटबंदी, जीएसटी, तीन तलाक , 370 , NRC, NPR, CAA, अब कृषि बिल पर देश की जनता को उलझा कर रख दिया.
भाकपा माले जिला सचिव हँसनाथ राम और अखिल भारतीय किसान महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष व पूर्व विधायक अमरनाथ यादव ने अपने संबोधन में कहा है कि किसान महासभा के जिला सचिव जयनाथ यादव अध्यक्ष शीतल पासवान ने कहा कि किसान चौपाल लगाकर किसानों को बरगला रही हैं. लेकिन किसान नहीं बरगलाऐगें किसान ने ठान लिया है,जब तक बिल वापसी नहीं तब तक हम लोग घर वापसी नहीं.हम बिहार सीवान के किसान आंदोलन के समर्थन में मजबूती से हैं.इसी के देन हैं,कि निरंतर सीवान में प्रतिवाद मार्च कर डीएम को मांग पत्र सौंपने का काम किया जा रहा है. मौके पर उपस्थित गुड्डू मिश्रा, जयकरण महतो, कुंन्ति यादव,प्रदीप कुशवाहा एवं अन्य लोग थे.