परवेज अख्तर/सीवान : एडीजे दस आशुतोष कुमार राय की अदालत ने ससुर की हत्या के मामले में दमाद को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है तथा 20 हजार रुपया जुर्माना भी किया है. बताते चले की जी. बी. नगर थाना क्षेत्र के बजरहिया गांव निवासी शिवनाथ प्रसाद की पत्नी अहिल्या देवी ने पुलिस के समक्ष अपने ब्यान में कही थी कि बीते 13 नवंबर 2016 को संध्या 6 बजे मेरे दमाद शिवजी प्रसाद घर पे आये और मेरी बेटी का विदाई करा ले जाने के लिए जिद्द करने लगे. इसी बात को लेकर मेरे पति और दामाद में कहासुनी होने लगी. इस पर दमाद शिवजी प्रसाद ने अपने ससुर के गर्दन पर चाकू चला दिया और पीठ पर भी चाकू से मारा.
जिससे मेरे पति शिवनाथ प्रसाद गंभीर रूप से घायल हो गए. शोरगुल होने पर हम लोग दौड़ कर गए तो मुझे और मेरी पुत्री गुड़िया देवी को भी चाकू से मारकर जख्मी कर दिया. इलाज के दौरान सदर अस्पताल में मेरे पति शिवनाथ प्रसाद की मौत हो गई. मेरे दमाद जीबी नगर थाना क्षेत्र के ही गौर गांव निवासी बदन प्रसाद के पुत्र शिवजी प्रसाद है. कोर्ट अभियोजन के तरफ से लोक अभियोजक हरेंद्र सिंह व एपीपी रविंद्रनाथ शर्मा ने गवाहों की गवाही कराया तथा बहस किया बचाव पक्ष के अधिवक्ता ललन सिंह व रणजीत सिंह भी अभियुक्त के तरफ से अपना बहस किया. दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद कोर्ट ने भादवि की धारा 302 में आजीवन कारावास व दस हजार जुर्माना तथा 307 में दस वर्षों की सजा और दस हजार जुर्माना किया है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि सभी सजाएं साथ-साथ चलेगी.