- स्थानीय चौकीदार व पुलिस पर लगा रहे दोष
- दोषी पर कार्रवाई व मुआवजे की कर रहे मांग
परवेज अख्तर/सिवान: जेल से लौटकर आने के चार दिन बाद हुई मौत के बाद मृतक हरेंद्र चौहान के शव का स्थानीय प्रशासन ने आक्रोशित लोगों को समझा-बुझाकर पोस्टमार्टम करा अंत्येष्टि तो करा दिया, लेकिन उसके परिजन व ग्रामीणों में अभी भी गुस्साहै। रोते-बिलखते परिजन प्रशासन से स्थानीय चौकीदार व पुलिस पर दोष लगा रहे हैं कि मृतक हरेंद्र चौहान की मौत चौकीदार और पुलिस द्वारा मारपीट किए जाने से लगे अंदरूनी चोट के कारण ही हुई है। परिजन सरकार से मुआवजे की मांग पर भी डटे हुए हैं। जानकारी हो कि दरौली के बलहूं गांव के शनिचरा टोला निवासी हरेंद्र चौहान को 17 नवंबर को पुलिस ने शराब के साथ गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। न्यायिक जमानत के बाद हरेंद्र चौहान जेल से छूट कर 30 नवंबर को अपने घर पहुंचा। जेल से आने के साथ ही हरेंद्र चौहान की तबीयत खराब थी। हरेंद्र चौहान का इलाज कराने के दौरान बुधवार को मौत हो गई।
इसके बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने दरौली- रघुनाथपुर मुख्य सड़क पर शव को रखकर शनिचरा टोला के पास सड़क जाम कर चौकीदार के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई व मृतक के आश्रितों को उचित मुआवजा दिलाने की मांग की थी। प्रशासन द्वारा पीड़ित परिवार के लोगों एवं ग्रामीणों को समझा-बुझाकर नियम संगत कार्रवाई का आश्वासन देते हुए शव को पोस्टमार्टम में भेज सड़क से जाम हटवाया। लेकिन पीड़ित परिवार के लोग अभी भी स्थानीय चौकीदार के विरुद्ध कार्रवाई करने और मुआवजा को लेकर आक्रोशित दिख रहे हैं। घटना की जानकारी के बाद भाजपा नेता व समाजसेवी संतोष सिंह ने पीड़ित परिवार के लोगों से मिल कर परिवार की आर्थिक दुर्दशा देख परिवार को हर संभव सहयोग करते हुए इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराते हुए दोषियों के विरुद्ध न्यायोचित कार्रवाई कराने का आश्वासन दिया है।