परवेज अख्तर/सिवान: दारौंदा जहां सरकार द्वारा शिक्षा व्यवस्था में सुधार को लेकर लगातार कई योजनाएं चला जा रही हैं वहीं दारौंदा प्रखंड के एक ऐसा भी विद्यालय है जहां चापाकल नहीं रहने से करीब एक वर्ष से पीएम पोषण योजना पूरी तरह से बंद हो गई है। इसका लाभ बच्चों को नहीं मिल रहा है। जानकारी के अनुसार प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय जलालपुर कन्या में करीब एक वर्ष से चापाकल या पानी का अन्य स्रोत नहीं रहने के कारण पीएम पोषण योजना संचालन नहीं हो रहा है। इस कारण बच्चों का निवाला नहीं मिल रहा है। इस संबंध में विद्यालय के प्रधानाध्यापक राकेश बिहारी दुबे ने बताया कि इस मामले में 29 अप्रैल 2022 को लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को विद्यालय परिसर में चापाकल लगाने के लिए लिखित आवेदन दिया गया था। इस पर भी कोई प्रक्रिया शुरू नहीं होने पर इसी तरह 28 जून 2022 को प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को पत्र देकर चापाकल लगाने की मांग की गई थी। इस पर भी कोई प्रक्रिया शुरू नहीं होने पर बीईओ ने लोक स्वास्थ्य प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता को आवेदन देकर चापाकल लगाने की मांग की है।
इसके अलावा कई बार शिक्षा विभाग एवं लोक स्वास्थ्य विभाग को आवेदन देने पर भी कोई प्रक्रिया शुरू नहीं हो सका है जिससे यहां के बच्चों, शिक्षिका एवं बच्चों को इस तपती धूप एवं गर्मी में पानी के लिए इधर-उधर भटकते रहते हैं। इसके बावजूद ना कोई विभाग ही ध्यान देता और ना ही कोई जनप्रतिनिधि इस समस्या का समाधान करता है। स्थानीय लोगों ने कहा कि चापाकल लगाने की मांग पीएचईडी से लेकर जनप्रतिनिधि तक की गई, लेकिन समस्या का समाधान आजतक नहीं हो सका है। वार्ड सदस्य सह विद्यालय शिक्षा समिति के अध्यक्ष ललिता देवी ने बताया कि विद्यालय में पानी की कोई व्यवस्था नहीं रहने के कारण बच्चों का पीएम पोषण योजना का संचालन नहीं हो रहा है। विद्यालय में पानी का अबतक कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं किया गया है। इसका असर स्कूल में नामांकित 36 बच्चों पर पड़ रहा है। इस विद्यालय में चार शिक्षक हैं। बच्चों को पानी घर से लाना पड़ता है। सचिव ने विद्यालय में जल्द चापाकल लगाने की गुहार लगाई है। बीईओ शिवजी महतो ने कहा कि चापाकल लगाने के लिए पीएचईडी एवं शिक्षा विभाग के वरीय अधिकारियों को चापाकल लगाने के लिए लिखित सूचना दी गई है।