✍️परवेज अख्तर/सिवान: अनुमंडल कृषि पदाधिकारी मुस्तफा अंसारी एवं सहायक तकनीकी प्रबंधक सरस सिंह ने शनिवार की शाम बालबंगरा, रामगढ़ा एवं रसूलपुर पंंचायत के विभिन्न गांवों में लगी ढैंचा की खेती का निरीक्षण किया तथा किसानों को कई सुझाव दिए। अनुमंडल कृषि पदाधिकारी ने बताया कि हरित चादर योजना 2023 के तहत बालबंगरा में किसान चंद्रदेव राय, जगलाल राय, राम अवतार गिरि, शिवजी प्रसाद राय, कमलेश यादव, हृदया कुमार, पवन कुमार आदि की करीब 50 एकड़ खेत में ढैंचा की खेती की गई है।
तकनीकी सहायक प्रबंधक ने कहा कि ढैंचा एवं मूंग की खेती को सरकार बढ़ावा दे रही है। ढैंचा एवं मूंग की खेती से जमीन की उर्वरा शक्ति बढ़ती है। खेतों में उत्पादन की क्षमता हर वर्ष तेजी से कम रही है। इस कारण मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए ढैंचा एवं मूंग की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। ढैंचा के बीज पर किसानों को 90 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है जिस खेत में ढैंचा की खेती होती है उस खेत में धान की फसल लगाने के बाद बिना रसायनिक खाद डाले अधिक उपज प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने ने बताया कि ढैंचा के बीज उपलब्ध है, किसान अपनी खेतों में ढैंचा की खेती कर सकते हैं।