परवेज अख्तर/सिवान: ओडिशा के बालासोर में विगत 2 जून को हाबड़ा सुपर फास्ट एक्सप्रेस ट्रेन दुर्घटना में सिवान जिले के एक परिवार को अपने बेटे उपेन्द्र कुमार शर्मा की शव एवं मुआवजा पैंतालीस दिन बाद भी नहीं मिला। इसके लिए मृतक के स्वजनों एवं गर्भवती पत्नी ने डीएनए टेस्ट के लिए खुन देकर रेलवे अधिकारियों से लेकर जिला पदाधिकारी तक लगातार न्याय की गुहार लगा कर थक चुके हैं। स्वजनों ने बताया कि कई वर्षों से बेंगलुरु में रहकर मजदूरी कर अपने परिवार का जीविका अर्जित करते थे। मृतक के पिता ललन शर्मा ने बताया कि एक जून को हाबड़ा सुपर फास्ट एक्सप्रेस ट्रेन से गांव आ रहे थे। हालांकि ट्रेन में जुर्माना देकर इस यात्रा शुरू किया था। ट्रेन दुर्घटना के आधे घंटे पहले तक मृतक उपेन्द्र कुमार शर्मा से बातचीत हुई। उसने ही वाट्सअप पर (ट्रेन संख्या 12864 ) से सफर शुरू करने की सूचना दी। उन्होंने दो हजार रुपए जुर्माना ट्रेन में दिया।
उसकी सूचना भी अपने स्वजनों को दी। स्वजन मृतक के शव के लिए दुर्घटना स्थल बालासोर तक गया। तमाम अस्पतालों का खास छानी। लेकिन उपेन्द्र कुमार शर्मा का शव उनको नहीं मिल सका। वहां के रेलवे अधिकारियों से मिलकर अपने बेटे का शव एवं मुआवजा दिलाने की गुहार लगायी। हालांकि रेलवे डीएनए टेस्ट के लिए स्वजनों का खून लिया। इसके बाद जब भी मोबाइल पर फोन किया जाता है तो एक दो दिन कहकर टाल दें रहे हैं। रेलवे प्रशासन की ऐसी हालत के बाद पिता ललन शर्मा ने सिवान जिला पदाधिकारी को शव दिलाने एवं मुआवजा दिलाने की गुहार लगायी है। मृतक का एक वर्ष पहले ही शादी मधु कुमारी से हुई है। वे गर्भवती भी है। पत्नी समेत सभी स्वजनों को रो रोकर बुरा हाल हो गया है। ऐसे में कब उपेन्द्र कुमार शर्मा का शव एवं मुआवजा मिलेगा। धीरे धीरे स्वजनों का विश्वास उठने लगा है। शव के इंतजार में अंतिम संस्कार भी करना मुश्किल हो गया है।