परवेज अख्तर/सिवान: दारौंदा शिक्षा में सुधार एवं गुणवत्ता लाने के उद्देश्य से सेवानिवृत्त शिक्षक को प्रखंड संसाधन सेवी बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई है। इसको लेकर अब प्रखंड संसाधन केंद्र और शहरी संसाधन केंद्र में करीब डेढ़ वर्ष से रिक्त पदों पर सेवानिवृत्त शिक्षक को बीआरपी पद पर चयनित किया जाएगा ताकि विद्यालयों का अनुश्रवण बेहतर ढंग से हो सके। साथ ही शिक्षा विभाग से संबंधित कार्यों का निपटारा भी समय से हो सके। जिले के सभी प्रखंड साधनसेवी तथा संकुल संसाधन केंद्रों पर शिक्षकों का चयन साधनसेवियों के रूप में किया गया था, लेकिन कार्यकाल खत्म होने के बाद से यह पद डेढ़ वर्ष से रिक्त पड़ा हुआ है। इससे शिक्षा विभाग के गतिविधियों को संचालित करने में कई तरह की तकनीकी समस्याएं सामने आ रही है। अब इस पर सेवानिवृत्त शिक्षकों को बहाल किया जाएगा। इस संदर्भ में बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक बी कार्तिकेय धनजी ने आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किया है। इस संदर्भ में 27 जून को उच्च स्तरीय समिति की बैठक में निर्णय लिया गया है। इसके तहत सभी प्रखंड व शहरी संसाधन केंद्रों पर साधन सेवियों के तीन पदों पर बहाल करना है अर्थात प्रत्येक प्रखंड में तीन साधनसेवी रहेंगे। इसमें सेवानिवृत्त शिक्षकों का प्रखंड वार पैनल तैयार करके सहमति के आधार पर अधिकतम 65 की आयु तक इनसे कार्य के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी को सक्षम प्राधिकार घोषित किया गया है। सेवानिवृत्त शिक्षकों का प्रखंड वार पैनल निर्माण के लिए जिला स्तर से 15 दिनों का समय देते हुए इसकी सूचना प्रकाशित की जाएगी।
सेवानिवृत्त शिक्षक से भरी जाएंगी रिक्त सीटें :
22 जुलाई तक आवेदन पत्र भेजने की अंतिम तिथि, 15 जुलाई तक चयन समिति गठन करने का निर्देश है। इसके लिए सेवानिवृत्त शिक्षक जिस प्रखंड संसाधन केंद्र क्षेत्र के अधीन कार्य करने के लिए इच्छुक होंगे उस प्रखंड संसाधन केंद्र समन्वयक सह प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय को निबंधित डाक या ईमेल से अपना आवेदन भेजेंगे। इसके लिए 22 जुलाई अंतिम तिथि निर्धारित की गई है। प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी द्वारा प्राप्त आवेदन का समेकन कर जिला शिक्षा पदाधिकारी की अध्यक्षता में गठित चयन समिति के समक्ष निर्धारित तिथि को आवेदन पत्र उप स्थापित किया जाएगा। जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा 15 जुलाई तक जिला स्तरीय चयन समिति का गठन करने को कहा गया है। चयन समिति की बैठक 24 से 31 जुलाई की अवधि में आयोजित की जाएगी।
डीईओ की अध्यक्षता में होगी चयन समिति :
चयन समिति में जिला शिक्षा पदाधिकारी अध्यक्ष होंगे। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान या डायट के प्राचार्य सदस्य होंगे। इसके अलावा प्राथमिक शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय या प्रखंड अध्यापक शिक्षा संस्थान का प्राचार्य भी सदस्य होंगे। संबंधित प्रखंड के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी भी सदस्य बनाए जाएंगे। इसके अलावा प्राथमिक शिक्षा एवं समग्र शिक्षा के डीपीओ सदस्य सचिव होंगे। जिला में एक से अधिक प्राथमिक शिक्षण शिक्षा संस्थान होने की स्थिति में प्राचार्य का चयन जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा किया जाएगा। चयन समिति का कार्य करने के लिए कम से कम तीन सदस्यों की उपस्थिति अनिवार्य होगी।