दारौंदा: अमर शहीद फुलेना प्रसाद की 81वीं बलिदान दिवस पर होगा प्रतिमा का लोकार्पण

0

परवेज अख्तर/सिवान: दारौंदा अमर शहीद फुलेना प्रसाद की 81वीं बलिदान दिवस के अवसर पर वीरांगना तारा रानी श्रीवास्तव एवं उनके पति अमर बलिदानी फुलेना प्रसाद की प्रतिमाओं का लोकार्पण की तिथि 16 अगस्त को निर्धारित की गई है। समिति के संयोजक मनोज सिन्हा ने बताया कि सभी कार्यक्रम प्रखंड के बालबंगरा में वीरांगना तारा रानी श्रीवास्तव के आवास पर होगा। उन्होंने बताया कि इसके लिए उनके आवास की साफ-सफाई एवं चारदीवारी की जाएगी। समिति के कोषाध्यक्ष राजा इमाम ने बताया कि चंदा इकट्ठा करने के लिए समिति सदस्यों द्वारा काफी मेहनत किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इसी स्थल पर विधायक कर्णजीत सिंह द्वारा पुस्तकालय बनाने की घोषणा की गई है। विदित हो कि दैनिक जागरण ने लगातार एक वर्ष से अमृत महोत्सव में अपना सबकुछ न्योछावर कर देने के बाद भी कोई सुधी नहीं ले रहे थे।

विज्ञापन
pervej akhtar siwan online
WhatsApp Image 2023-10-11 at 9.50.09 PM
WhatsApp Image 2023-10-30 at 10.35.50 AM
WhatsApp Image 2023-10-30 at 10.35.51 AM
ahmadali

इसके बाद दैनिक जागरण ने एक अभियान के तहत ग्रामीणों को जागरूक किया। इसी पहल पर समिति का गठन कर आवास जीर्णोद्धार करने का निर्णय लिया गया था। इसके बाद शहीद फुलेना प्रसाद का डाक टिकट जारी किया गया था। अब एक ही परिवार मनोज सिन्हा के सभी भाइयों ने आदमकद प्रतिमा बनवाने का जिम्मेवारी ली थी। दोनों प्रतिमा बनारस से बनवाकर मंगा ली गई है जिसका लोकार्पण बलिदानी फुलेना प्रसाद के 81वें बलिदान दिवस पर किया जाएगा। विदित हो कि मर शहीद फुलेना प्रसाद एवं बीरंगना तारा रानी श्रीवास्तव ने जो आजादी का अलख गांव-गांव में घुमकर जगाया था। 1942 में अंग्रेजों को भारत छोड़ो आंदोलन हुआ था। महात्मा गांधी के एक आवाज पर दारौंदा प्रखंड के बालबंगरा गांव में वीरांगना तारा रानी एवं पति फुलेना प्रसाद ने अंग्रेजों भारत छोड़ों आंदोलन को और तेज कर दिया था।

स्वतंत्रता सेनानियों की बैठक बालबंगरा में वीरांगना तारा रानी के निवास पर स्थल पर हुई करती थी। गांव-गांव में घर-घर जाकर अंग्रेजों को भागने के लिए लोगों को जागरूक करने में जुट गए थे। इसी क्रम में 16 अगस्त 1942 को थाने में अंग्रेजों के यूनियन जैक को उतार कर तिरंगा झंडा फहरा देने का संकल्प लिया गया था। जैसे ही महाराजगंज थाने में तिरंगा झंडा फहराने के लिए फुलेना बाबू अपने साथियों के साथ आगे बढे़ अंग्रेजी पुलिस ने अंधाधुंध गोलियां चलाने लगी थे। इसके बाद भी फुलेना प्रसाद एवं वीरांगना तारा रानी थोड़ा सा भी विचलित नहीं हुए थे। लेकिन कुछ ही समय में फुलेना प्रसाद के सीने में एक-एक करके सात गोलियां लगी। गोली लगने के बाद वे वहीं जमीन पर गिर पड़े थे, लेकिन तिरंगा झंडा को झुकने नहीं दिया। वहीं वीरांगना तारा रानी ने अपने सुहाग की चिंता छोड़ कर सबसे पहले तिरंगा झंडा को थाने पर फहरा कर दम लिया। जब वापस आई तो देखा। मेरा सबकुछ उजड़ गया था। इसी हालत में शव को लेकर बालबंगरा पंहुंची थी।