परवेज अख्तर/सिवान: माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले किशोर-किशोरियों को सप्ताह में दो दिन आयरन की गोली खिलाई जाएगी। राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम एवं एनीमिया मुक्त भारत के तहत जिले के 2206 सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में किशोर-किशोरियों को आयरन फोलिक एसिड की गोली का वितरण विद्यालय के माध्यम से किया जाएगा। इसको लेकर विभागीय तैयारी तेज कर दी गई है। गोली के खाने से छात्र-छात्राओं की कमजोरी दूर होगी। वे पढ़ने और खेलने में कमजोरी महसूस नहीं करेंगे। इसका लाभ जिले के सभी विद्यालयों के अध्ययनरत किशोर-किशोरियों को मिल सकेगा। एनीमिया से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग ने डब्लूआइएफएस कार्यक्रम को पुन: आरंभ किया है और बच्चों में आयरन की कमी को दूर करने के लिए प्रत्येक विद्यालय में कक्षा छह से आठ के छात्र-छात्राओं को आयरन की गोलियां नि:शुल्क खिलाई जाएगी।
सेंसस आफ इंडिया के अनुसार बिहार में 10 से 17 वर्ष में 85.3 प्रतिशत किशोर-किशोरियां एनिमिया से ग्रसित हैं। एनीमिया पर अंकुश लगाने हेतु किशोरावस्था एक उपयुक्त समय है। यह वृद्धि तथा विकास दोनों का महत्वपूर्ण काल होता है। इस अवस्था के दौरान पोषण शिक्षा के साथ-साथ आयरन की गोली खिलाने से किशोर-किशोरियों को एनीमिया अथवा खून की कमी के दुष्प्रभाव से बचाया जा सकता है। साप्ताहिक आयरन फालिक एसिड अनुपूरण कार्यक्रम विभाग को इस कार्यक्रम का नोडल विभाग बनाया गया है। सभी सरकारी एवं सरकार द्वारा सहायता प्राप्त विद्यालयों में पढ़ने वाले किशोर-किशोरियों को आयरन की नीली एवं गुलाबी गोली सप्ताह में एक बार प्रत्येक बुधवार एवं गुरुवार को प्रशिक्षित शिक्षक-शिक्षिका द्वारा खिलाई जाएगी।
एनीमिया है एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या :
चिकित्सक एसएस कुमार ने बताया कि 85.3 प्रतिशत किशोर-किशोरियां एनीमिया से ग्रसित पाई गई हैं। एनीमिया एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जो स्वास्थ्य व तंदुरुस्ती के साथ-साथ पढ़ने एवं काम करने की क्षमता को भी विपरीत रूप से प्रभावित करती है। इसको लेकर सरकार और सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों में पढ़ने वाले किशोर-किशोरियों तथा विद्यालय नहीं आने वाली किशोरियों की बेहतर स्वास्थ्य को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने कदम उठाया है। इसमें छह से आठ कक्षा तक के किशोर-किशोरियों को साप्ताहिक आयरन फालिक एसिड अनुपूरण कार्यक्रम में तहत दवा खिलाई जाएगी।