दरौंदा: शराबबंदी की विफलताओं का परिणाम है ढेबर गांव में मौत

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परवेज अख्तर/सिवान: जिले के दरौंदा थाना क्षेत्र के ढेबर गांव में जहरीली शराब पीने से तीन लोगों की हुई मौत के चौथे दिन रविवार को लोजपा (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह सांसद चिराग पासवान व पूर्व सांसद अरुण सिंह परिजनों से मिलने पहुंचे। मृतक कमलेश मांझी व अवधकिशोर मांझी के घर पहुंचते ही चिराग पासवान जमीन पर बैठ कर परिजनों को गले लगा लिए। घर के वृद्ध, महिलाएं, बच्चे सभी को गले लगाए। परिजनों को ऐसा लगा जैसे कोई फरिश्ता आया हो। परिजन रो रहे थे और चिराग पासवान उनके आंसू पोछ रहे थे। इस दौरान चिराग पासवान ने कहा कि यह मौत नहीं हत्या है। जहरीली शराब पिलाकर हत्या की गई है। प्रशासन यहां संवेदनहीनता की पराकाष्ठा पर पहुंच गया है।

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मृतक के परिजनों को डरा-धमका कर जबरन लिखवा लिया गया। जब संदिग्ध परिस्थिति में मौत हुई है तो फिर पोस्टमार्टम क्यों नहीं कराया गया। शराबबंदी की विफलताओं का परिणाम है यह मौत। घटना पर पर्दा डालने के उद्देश्य से पीड़ित परिवार से जबरन लिखवाया गया। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि नीतीश कुमार चुनाव से पूर्व कहते हैं कि दलित की हत्या होने पर उनके परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी देंगे, तो दीजिए ना नौकरी। यहां तो जहरीली शराब पिलाकर हत्या की गई है। चुनाव के समय स्वर अलग और चुनाव के बाद स्वर अलग। आखिर मुख्यमंत्री एक भी वैसी जगह क्यों नहीं गए, जहां जहरीली शराब पीने से मौत हुई है।

दोनों नेता मृतक नूर मोहम्मद मियां के घर भी गए

पूर्व सांसद डॉ अरुण सिंह ने कहा कि यह हत्या है। इस हत्याकांड के लिए मुख्यमंत्री पर मुकदमा चलना चाहिए। शराबबंदी कानून मजाक बनकर रह गया है। दोनों नेता मृतक नूर मोहम्मद मियां के घर भी गए। जहां परिजनों को सांत्वना दी। मौके पर जिलाध्यक्ष सह पूर्व प्रखंड प्रमुख पचरुखी महादेव पासवान, प्रधान महासचिव लोजपा संजय पासवान, पूर्व विधानपार्षद डॉ. अजय अगस्त, प्रदेश उपाध्यक्ष अशरफ अंसारी, जिला पार्षद धर्मेंद्र कुमार यादव, नगीना यादव, विभूति भूषण पासवान, सौरभ पांडेय, चंदन पासवान, अवधेश कुशवाहा, अजीत पासवान, छोटेलाल मांझी, चनु पासवान, पप्पू चौहान, रामचन्द्र राम थे।

25-25 लाख का मुआवजा व सरकारी नौकरी दी जाए

सांसद चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री से मांग की कि तीनों मृतक के परिजनों को 25-25 लाख का मुआवजा व सरकारी नौकरी दी जाय। उनके बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था की जाय। ताकि इनके परिवार का पालन-पोषण हो सके। उन्होंने कहा कि यदि सरकार व्यवस्था नहीं करती है, तो हम इन बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था करेंगे। इस कांड की उच्चस्तरीय जांच हो। घटना की लीपापोती करने के उद्देश्य से जबरन शव का अंतिम संस्कार कराने व परिजनों को डरा-धमका कर लिखवाने वाले पदाधिकारी पर कार्रवाई की जाय।