परवेज अख्तर/सिवान(गुठनी) : पूर्व विधायक सह भाजपा के वरीय नेता रामायण मांझी के छोटे बेटे राकेश मांझी का शव 34 वें दिन मंगलवार दोपहर ईराक से पैतृक गांव ग्यासपुर पहुंचा. शव पहुंचते ही पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गयी. परिजनों के बिलाप से पूरा माहौल गम में बदल गया. गत 17 जुन को ईराक में घाव के ऑपरेशन के दौरान मौत का शिकार पूर्व विधायक के छोटे पुत्र का शव 33 वें दिन सोमवार को ईराक से तुर्की और तुर्की से मंगलवार सुबह दिल्ली और दोपहर गोरखपुर हवाई अड्डा पहुंचा और वहां से सड़क मार्ग से पैतृक गांव ग्यासपुर लाया गया. शव को परिजनों के दर्शन के लिये थोड़ी देर घर रखा गया. फिर सरयू नदी के तट पर अंतिम संस्कार किया गया.
जहां पूर्व विधायक ने अपने पुत्र को मुखाग्नि दी. विदित हो कि पूर्व विधायक सह भाजपा नेता गुठनी थानाक्षेत्र के ग्यासपुर गांव निवासी रामायण मांझी के छोटे पुत्र राकेश मांझी (35) की मौत गत 17 जून को हाथ के घाव के ऑपरेशन के दौरान अस्पताल में हो गयी थी. लॉकडाउन के दरम्यान सरकार के निर्णय के अनुसार सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ाने बंद होने के कारण शव को लाने में एक माह से अधिक समय गुजर गया. राकेश अक्टूबर 2019 में ईराक गया था और एक कंपनी में इलेक्ट्रिशियन का काम करता था. राकेश की दो बेटियां है. जिसमे बड़ी बेटी पांच और छोटी दो वर्ष की है. राकेश अपने तीन भाइयों में सबसे छोटा है. राकेश का शव ज्योही घर पहुचा त्योंही उसकी माता बालकेशी देवी और पत्नी वैशाली के विलाप से सबकी आंखे नम हो गयी. एक माह से अधिक दिनों से अपने को ढांढस दिलाये रखे पूर्व विधायक रामायण मांझी भी अपनी आंसू नहीं रोक सके और फिर उपस्थित लोग भी रो दिये.