परवेज़ अख्तर/सिवान:- जिले के दारौंदा प्रखंड मुख्यालय पर शुक्रवार को कौथुआ सारंगपुर धोबीटोला की महिलाओं ने प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया। महिलाओं का कहना था कि प्रशासन ने घर तोड़ दिया, लेकिन यह नहीं सोचा कि हम इस बारिश के मौसम में छोटे-छोटे बच्चों को लेकर कहां जाएंगे। हमलोग भी जान माल रखे हैं उन्हें कहा रखें। इस बरसात के मौसम में यदि प्रशासन रहने की व्यवस्था नहीं की तो हम सभी अपने पूरे परिवार एवं मवेशियों के साथ प्रखंड कार्यालय में ही रहेंगे। महिलाओं ने बीडीओ को एक ज्ञापन देकर अविलंब रहने की व्यवस्था करने की मांग की। बता दें कि प्रखंड कार्यालय के समक्ष कौथुआ सारंगपुर, धोबीटोला गांव के तालाब किनारे की सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त किया गया था इसके बाद से बेघर हुए परिवार की महिलाओं ने पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन करने वाली महिलाओं में तरुण निशा, रोजादिन बीबी, रशिदन बीबी, मेहताज बीबी, जैनुद्दीन बीबी, नईमा खातून, नूरजहां खातून, नजमा खातून, कुरैशा खातून, सलमा खातून, बिगन बीबी, सलमा बीबी शामिल थी। इस संबंध में बीडीओ सह सीओ रीता कुमारी ने कहा कि वैसे लोग जो पूर्णतः भूमिहीन हैं की पहचान करने के लिए राजस्व कर्मचारी को निर्देश दिया गया है। उनके रहने की व्यवस्था की जाएगी। वहीं दूसरी तरफ़ शुक्रवार को एसडीओ महाराजगंज को आवेदन देकर कौथुआ सारंगपुर निवासी रामेश्वर पड़ित ने कहा है कि प्रशासन ने न्यायालय के आदेश के बावजूद पूर्णतः अतिक्रमण नहीं हटाया है। पुनः लोग प्लास्टिक एवं एस्बेस्टस रखकर रहने लगे। यह न्यायालय के आदेश का उल्लंघन है।
दारौंदा में अतिक्रमण हटाने के बाद बेघर हुई महिलाओं का प्रदर्शन
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