परवेज़ अख्तर/सिवान : जिले के मैरवा थाना क्षेत्र के गंधुछापर में त्रिभुवन तिवारी को गोली मारने की घटना के 12 घंटा बीत जाने के बाद भी पुलिस अपराधियों की पहचान नहीं कर सकी है। वहीं त्रिभुवन तिवारी को गोली मारने के पहले कुछ दूरी पर आम के पेड़ के पास अपराधी एक घंटे तक बैठे रहे, लेकिन न तो इसकी भनक पुलिस प्रशासन को लग सकी और ना ही त्रिभुवन तिवारी को ही इसकी जानकारी हो सकी। इसके पूर्व हत्या, धमकी एवं रंगदारी जैसे कई संगीन अपराधों को अंजाम दे अपराध के क्षेत्र में मजबूत किला बना चुके त्रिभुवन तिवारी को भी इसकी भनक नहीं लग सकी कि उनकी हत्या के लिए अपराधी एक घंटा पहले ही कुछ दूरी पर आकर बैठे हैं। अपराधी त्रिभुवन तिवारी के इंतजार में थे।
ब्रश कर बाहर आने के बाद अपराधियों ने मारी गोली
अपराधियों ने त्रिभुवन तिवारी को देखते ही गोली मार दी। उस समय वे ब्रश कर रहे थे। सुबह उठने के बाद वे भगवान भास्कर की पूजा कर ब्रश करते हुए बाहर निकले। देखते ही अपराधियों ने कुछ दूरी से गोली मार दी। गोली लगने के बाद त्रिभुवन वहीं गिर कर शोर मचाने लगे। इधर घटना को अंजाम देने केबाद अपराधी भाग निकले। चीख-पुकार और गोली मारे जाने की आवाज सुनकर ग्रामीण दौड़ पड़े। त्रिभुवन तिवारी के समर्थकों और ग्रामीणों ने आनन-फानन में उन्हे सिवान सदर अस्पताल पहुंचाया, जहां से एक निजी नर्सिंग होम में इलाज के लिए ले जाया गया। यहां से रेफर किए जाने के बाद पटना पारस हॉस्पिटल में त्रिभुवन के पेट का ऑपरेशन कर गोली बाहर निकाली गई।
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