- कोविड19 से बचाव के लिए जारी निर्देशों का करें पालन
- आपकी थोड़ी सी लापरवाही पड़ सकती है भारी
- कोरोना संक्रमण कम हुआ है, खतरा अभी भी है बरकरार
छपरा: “कोविड अनुरूप व्यवहारों के साथ न करें समझौता, वरना कोरोना को मिल जायेगा मौका” कुछ ऐसे हीं स्लोगन के साथ सोशल मीडिया के माध्यम से आमजनों को जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय के द्वारा लगातार सोशल मीडिया के सहारे लोगों को कोरोना से बचाव के प्रति जागरूक किया जा रहा है। पोस्टर के माध्यम से तरह-तरह के संदेश दिये जा रहें ताकि लोग अधिक से अधिक जागरूक हो सके और कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रसार को रोका जा सके। आज हम सबके सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी है। यह एक कठिन चुनौती है और इसीलिए हालात मुश्किल भरे हैं। यह बात हर किसी को अपने दिमाग में बैठा लेनी चाहिए कि कोई भी कारण हो, एक जगह इकट्ठा न हों। अनावश्यक कहीं भी भीड़ न जुटने दें। अगर आवश्यक हो भी तो कम से कम 6 फीट की दूरी बनाकर रखें। साथ ही इस समय हर तरह के सार्वजनिक आयोजनों और यहां तक कि शादी-विवाह, पार्टी से दूर रहें। बहुत जरूरी न हो तो घर के बाहर न निकलें और यदि निकलना भी पड़े तो यह मानकर चलें कि आपके इर्द-गिर्द 6 फीट का एक घेरा है, जिसके दायरे में किसी को नहीं आना चाहिए।
गमछे, रूमाल व मास्क को भी धोंये
सिविल सर्जन डॉ. माधवेश्वर झा ने कहा घर से बाहर निकलने के दौरान इस्तेमाल किये जाने वाले गमछे, मास्क व रूमाल आदि भी घर आते ही धोना चाहिए। यदि डिस्पोजेबल मास्क का इस्तेमाल करते हैं तो उसका निस्तारण सही तरीके से करें। बाहर से घर आने पर जूते चप्पल भी बदलें। बेहतर हो कि घर से बाहर जाने के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले जूतों को घर के बाहर ही रखें।
कारगर साबित हो रहा सतर्कता का मूल मंत्र
सजग रहें, सतर्क रहें, परंतु भयभीत न हों’ का मूल मंत्र काफी कारगर सिद्ध हो रहा है। लोगों से अपील की जा रही है कि मास्क को अपने जीवन का अनिवार्य हिस्सा बनाएं। मास्क को लेकर रोको- टोको अभियान भी चलाया जा रहा है। जिला प्रशासन की ओर से लोगों से अपील की जा रही है कि जैसे ही कोरोना के लक्षण महसूस हों तो तुरंत अपने नजदीकी सरकारी अस्पताल में संपर्क करें।
सूती कपड़े से बनायें गये मास्क बेहतर विकल्प
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम अरविन्द कुमार ने बताया सूती कपड़े से बनायें गये मास्क रीयूजेबल मास्क की श्रेणी में आते हैं। मास्क बनाने के लिए सूती कपड़े को को 5 मिनट तक खौलते हुए पानी में डाल दें। धागे और रेशों को साफ कर लें ताकि बैक्टीरिया या फंगस ना रहे। इसमें मौजूद रसायन के धुल जाने से सांस संबंधी एलर्जी से भी बचा जा सकेगा। सूती कपड़े के तीन लेयर तैयार कर सिल लें. मास्क की चौड़ाई इस तरह हो कि पूरा मुंह ढंका जा सके। सूती कपड़े के तैयार मास्क को धो कर बार बार उपयोग में लाया जा सकता है। इससे डिस्पोजेबल मास्क खरीदने के लिए पैसे की बचत के साथ पर्यावरण सरंक्षण में भी मदद मिलेगी।
इन बातों को अपने व्यवहार में करें शामिल
- नियमित रूप से साबुन से हाथ धोते रहें
- बिना मास्क या फेस कवर के घर से बाहर न निकले
- छींकते समय हमेशा रुमाल या फिर अपनी बाजू का उपयोग करें
- बिना हाथ धोए अपने चहरे को छूने से बचें
- किसी से बात करते समय कम से कम 6 फीट की दूरी बनाएं रखें
- किसी से हाथ मिलाने से परहेज करें
- एक दूसरे को अभिवादन करें