परवेज अख्तर/सिवान : वासंतिक नवरात्र के सातवें दिन मंगलवार को देवी जगदंबा के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा की गई। इस मौके पर अल सुबह श्रद्धालुओं ने अपने घरों में हीं पूजन सामग्री के साथ मां की आराधना की। इस दौरान या देवी सर्वभुतेषू… के उद्घोष से वातावरण भक्तिमय हो गया। पूजा स्थलों पर श्रद्धालुओं द्वारा दुर्गा सप्तशती का पाठ किया गया। आचार्य पंडित उमाशंकर पांडेय ने बताया कि चैत्र नवरात्रि के आठवें दिन माता के आठवें स्वरूप महागौरी की पूजा की जाती है। अष्टमी की तिथि के दिन महागौरी मां दुर्गा की पूजा से भक्तों के सभी तरह के पाप और कष्ट दूर हो जाते है। इस दिन कुंवारी कन्याओं को भोजन करवाया जाता है।
ऐसे होगी मां की पूजा
महा अष्टमी के दिन प्रातः उठ कर स्नान करने के बाद माता की प्रतिमा को
अच्छे वस्त्रों से सुसज्जित करें और देवी भगवती की पूरे विधि और विधान से
पूजा करनी चाहिए। मां के पूजन के लिए लाल फूलों का उपयोग करना चाहिए।
पूजा के बाद मां को खीर, हलुआ और मिठाइयों का भोग लगाएं। इस दिन कन्या
पूजन का भी विशेष महत्त्व है। कन्या पूजा में इस बात का विशेष ध्यान रखें
कि कन्याओं की उम्र 2 से 12 वर्ष तक हो। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस
दिन घर में हवन करवाना बड़ा हीं शुभ होता है।