परवेज अख्तर/सिवान:
स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत शहरी क्षेत्र के विभिन्न इलाकों में रखे गए ई-टॉयलेट नकारा साबित हो रहे हैं। ई-टॉयलेट कहीं बंद पड़े हैं तो कही कूड़े के हवाले कर दिये गये हैं। देखरेख के अभाव में लोग इसका उपयोग नहीं कर पा रहे हैं। ई-टॉयलेट में पसरी गंदगी और बदबू के कारण लोग खुले में शौच करने को मजबूर हो रहे हैं। कूड़े के ढेर पर रखे गए ई-टॉयलेट नगर परिषद की व्यवस्था की पोल खेाल रहे हैं।
सूत्रों की मानें तो स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहर के अलग-अलग 20 सार्वजनिक स्थानों पर नगर परिषद द्वारा महिला एवं पुरुष के लिए अलग-अलग ई- टॉयलेट रखा गया था। वहीं योजना के तहत सभी ई-टॉयलेट में बिजली व पानी की व्यवस्था करनी थी, लेकिन बिजली और पानी की व्यवस्था तो दूर, रख-रखाव पर विशेष ध्यान नहीं देने एवं साफ-सफाई नहीं होने से इसकी हालत बद से बदतर हो गई है।
83 ई-टॉयलेट कम यूरिनल की हुई थी खरीदारी
प्राप्त जानकारी के अनुसार स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2014-15 में 91 लाख 71 हजार 500 रुपये खर्च कर 83 ई-टॉयलेट कम यूरिनल की खरीदारी की गई थी। साथ ही 22 लाख 47 हजार रुपये की लागत से 14 वाटर टैंक की खरीदारी हुई थी। शहर के सब्जी मंडी, गोपालंगज मोड़ स्थित एसडीपीओ आवास के सामने, स्टेशन रोड फलमंडी, डीएवी मोड़, मजहरुल हक बस स्टैंड, बबुनिया रोड लालकोठी के समीप, तेलहट्टा बाजार समेत अन्य सार्वजनिक स्थानों पर ई-टॉयलेट कम यूरिनल लगाया गया था। रखरखाव के कारण या तो सभी ई-टॉयलेट बेकार साबित हो रहे हैं या फिर अधिकांश का अस्तित्व ही समाप्त हो गया है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
ई-टॉयलेट कम यूरिनल कहां-कहां लगाया गया था, इसकी जांच कराई जाएगी। साथ ही वर्तमान समय में क्या स्थिति है, इसकी भी जांच कराई जाएगी। साफ-सफाई कराकर उसको प्रयोग में लाया जाएगा।
कपिलदेव कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर परिषद सिवान।