पटना: कोरोना के कारण मार्च से देश में सभी स्कूलें बंद हैं। हालाकि बीच-बीच में सरकार स्कूलों के संचलान पर मंथन करती आई है, लेकिन वर्तमान में फिर से एक बार कोरोना का कहर जारी है। ऐसे में स्कूलों में आने वाले बच्चों को लेकर अभिभावक चिंतित नजर आ रहे हैं और अपने बच्चों को स्कूल भेजने से परहेज कर रहे हैं। राज्य में बंद प्राथमिक और मध्य स्कूलों को खोलने को लेकर सरकार भी कोई जल्दबाजी में नहीं है। शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने स्पष्ट किया है कि पढ़ाई के लिए हम बच्चों की जिंदगी खतरे में नहीं डाल सकते हैं।
शिक्षा मंत्री अशाेक चौधरी ने कहा कि स्कूल खोलने का निर्णय जल्दबाजी में नहीं लिया जाएगा। इस तरह प्रदेश के 50 हजार से अधिक प्राथमिक स्कूल अभी बंद रहेंगे। मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि संक्रमण का खतरा अभी टला नहीं है। हम बहुत सोच विचार कर स्कूल खोलने पर फैसला करेंगे। उन्होंने कहा कि एक्सपर्ट की टीम के साथ सलाह करेंगे। इसके बाद उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें फैसला होगा कि स्कूल कब खुलेंगे।
वैसे प्रदेश में माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्कूल खुले हुए हैं। उसमें कोविड की गाइडलाइन का पालन करते हुए क्लास लगाई जा रही है। यह क्लास भी एक तरह से कोचिंग क्लास की तरह संचालित हो रही है। इसमें बच्चे अपनी कठिनाइयों को हल कराने आ रहे हैं। एक तिहाई बच्चे ही रोज बुलाए जा रहे हैं। हालांकि इन कक्षाओं में विद्यार्थियों की उपस्थिति निराशाजनक रही है।