परवेज अख्तर/सिवान:- जिले के 9 हजार 2 सौ शिक्षकों तीन माह से वेतन नहीं मिला है। जिसकी वजह से दशहरा में मुंबई, दिल्ली व कोलकाता आदि शहरों का टूर प्रोग्राम बनाये शिक्षकों को बाध्य होकर रेल टिकट कैंसिल कराना पड़ रहा है। तीन-चार माह पहले से शिक्षक रेल का टिकट कराए हैं ताकि उनके बाल-बच्चे व बीबी दशहरे की छुट्टी में घूम सके। लेकिन, विभागीय उदासीनता से जिले के एसएसए मद से वेतन पाने वाले 9 हजार 2 सौ शिक्षकों का वेतन लंबित है। जीओबी मद से वेतन पाने 2 हजार एक सौ शिक्षकों का भी वेतन सितम्बर माह का लंबित है। वेतन समय से नहीं मिलने से शिक्षकों के टूर प्रोग्राम कैंसिल होने से उनकी घरवाली भी नाराज होने लगी है। अब तो शिक्षकों को ताने भी सुनने को मिलने लगा है। वैसे कुछ शिक्षक महाजनों से कर्ज लेकर टूर प्रोग्राम पर निकलने का मन बना रहे हैं। 10 अक्टूबर से ही शिक्षक अपने-अपने गंतव्य की ओर रवाना होंगे। लेकिन, वेतन के अभाव में शिक्षकों का दशहरे का मेला व टूर प्रोग्राम फीका ही रहने वाला है। कारण कि कर्ज की राशि से शिक्षक बच्चों व बीबी की बात ही रख सकते हैं। उनके मन के अनुसार न तो घूम सकते हैं न ही कहीं खर्च ही कर सकते हैं। वैसे जिले के अधिकांश शिक्षक वेतन के अभाव में पहले से ही कर्ज में डूबे हुए हैं। शिक्षक नेता मंगल साह ने कहा कि हर साल सरकार शिक्षकों की खुशियों व उम्मीदों पर पानी फेर दे रही है। त्यौहार के मौसम में ही शिक्षकों को वेतन के लाले पड़ रहे हैं। पिछले साल भी यहीं हाल था। सवाल किया कि हम नियोजित शिक्षकों के साथ ही ऐसा क्यों होता है
वेतन के अभाव में शिक्षकों के टूर प्रोग्राम पर ग्रहण
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