परवेज़ अख्तर/सिवान:
जिला मुख्यालय समेत ग्रामीण क्षेत्रों में पैगंबर इस्लाम का जन्म दिन शुक्रवार को अलसुबह सादगी के साथ मनाया गया। प्रत्येक वर्ष ईद मिलादुन्नबी के अवसर पर जुलूस ए मोहम्मदी का आयोजन किया जाता था, लेकिन इस बार कोरोना को ध्यान में रखते हुए प्रशासन के निर्देशों का पालन किया गया। जुलूस ए मोहम्मदी का आयोजन नहीं किया गया। इस्लामी साल के रबी अव्वल महीना की 12 तारीख को पैगंबर इस्लाम हजरत मोहम्मद मुस्तफा (सल.) का जन्मदिन मनाया जाता है। मुस्लिम समुदाय के लोग नबी के जन्मदिन को धूमधाम से मनाते हैं। दूसरे समुदाय के लोगों ने भी मुस्लिम भाइयों को मोबाइल पर मैसेज भेज कर ईद मिलादुन्नबी की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए भाईचारे की मिसाल प्रस्तुत की। इस अवसर पर गुरुवार की रात मस्जिद और घरों को सजाया गया।
मस्जिद और घर रोशनी से जगमग रहे। ज्यादातर लोगों ने अपने घरों में ही इबादत की। अलसुबह नबी ए करीम मोहम्मद मुस्तफा पर दरूद व सलाम पेश किया गया। फातेहा पढ़ कर दुआएं मांगी गई। नबी ए अकरम के वसूलों और कुरआन व हदीस को रोशनी में जिदगी गुजारने का संकल्प लिया गया। मैरवा के मिस्करही मस्जिद के इमाम हाफिज मोहम्मद शमीम ने कहा कि पैगम्बर ए इस्लाम नबी ए करीम पूरे आलम के लिए रहमतुल्लिल आलमिन बन कर आए। उन्होंने नेक रास्ते पर चलने की हिदायत की। एक-दूसरे के साथ अच्छा बर्ताव करने, भाईचारे को बढ़ावा देने, महिलाओं को उनका हक व सम्मान देने का पैगाम दिया। साथ ही अपने जीवन में ऐसा करके दिखाया।
वहीं दूसरी ओर भगवानपुर प्रखंड के बलहां अली मर्दनपुर गांव में पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के जन्मदिन के मौके पर बलहां जामा मस्जिद के इमाम मौलाना बदरुजमा नूरी के नेतृत्व में जुलूस-ए-मोहम्मदी निकाला गया। जुलूस के बाद जामा मस्जिद पहुंच कर देश में फैली वैश्विक महामारी कोरोना को खत्म होने के लिए दुआ मांगी गई। इस मौके पर इमाम मौलाना बदरुजमा, हाजी गुलाम रसूल,अब्दुल गनी, मनौवर हुसैन, शेख नसरुद्दीन, शेख जहीरुद्दीन, आसिफ राजा, सज्जाद अली,फरमान अली, वसीम अकरम, कैफ हाशमी, शम्मी रॉक, आरिफ राजा, बेलाल, अमजद आदि सैकड़ों लोग शामिल हुए।वहीं इसके अलावा बड़हरिया, तरवारा बाजार, फख्रुद्दीनपुर बाजार, नौरंगा, नौतन, सोनबर्षा, शाहपुर, बसंतपुर, शेखपुरा, मदारपुर, समेत जिले के सभी गांवों में सादगी से जश्न ए ईद मिलादुन्नबी मनाया गया।