परवेज़ अख्तर/सिवान:
जिले के भगवानपुर प्रखंड मुख्यालय स्थित जलमीनार क्षेत्र के लोगों के लिए सफेद हाथी के समान है। इस जलमीनार से आज तक लोगों को एक बूंद पानी भी नसीब नहीं हो सका है।ज्ञात हो कि मुख्यालय में लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग ग्रामीण जलापूर्ति योजना के तहत 7500 हजार गैलन क्षमता वाले इस जलमीनार का निर्माण 87.22 लाख रुपये की लागत से किया गया था। इसका उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा 8 फरवरी 2007 में किया गया था। इस योजना को ले क्षेत्र के लोगों को शुद्ध पेयजल आपूर्ति करने के उद्देश्य से धरातल पर उतरा गया था, लेकिन विभाग के अधिकारियों की उदासीनता के कारण आज तक यह जलमीनार खुद को प्यासा रह गया। एक बड़े भूभाग पर स्थापित इस जलमीनार की देखरेख करने वाला कोई कर्मचारी तक नहीं है।
शायद कोई अधिकारी भी इस जलमीनार की सुध भी लेना उचित नहीं समझा। सरकार के इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ तत्काल रामपुर, भगवानपुर तथा महम्मदपुर गांव को मिलना था, लेकिन आज तक यह गांव शुद्ध पेयजल के तरसते रह गए। ग्रामीणों के अनुसार 2006 में उक्त तीनों गांव तक जलापूर्ति करने के लिए पाइप बिछाई गई थी। जगह-जगह नल भी लगाए गए, लेकिन सब बेकार साबित हुए। विभाग के तत्कालीन मंत्री डॉ. महाचंद्र प्रसाद सिंह ने एक बार इसकी सुध ली थी, लेकिन कोई लाभ नहीं हो सका।
यहां तक कि इसके जल का लाभ प्रखंड एवं अंचल कार्यालय परिसर में रहने वाले अधिकारी एवं कर्मचारी तक को नहीं मिल सका। बीते वर्ष 5 दिसंबर को जल जीवन हरियाली को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री के आगमन की खबर इस विभाग के अधिकारियों को जैसे मिली, इससे भयभीत हो विभाग के अधिकारियों ने जलमीनार परिसर में उपजे जंगल की सफाई तुरंत करा दिए तथा इसका रंग-रोगन भी करा दिए, लेकिन अभी भी जलापूर्ति करने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया। इस विभाग के अधिकारी से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन संपर्क नहीं हो सका।