परवेज अख्तर/सिवान : जिले के बड़हरिया प्रखंड के सिकंदरपुर गांव स्थित जामा मस्जिद के खतिबो इमाम हाफिज मो इब्राहिम रज़ा ने रमजानुल मुबारक पर फजीलत बयान करते हुए कहा कि हर मुसलमान मर्द, औरत और बालिग हो उस पर रमज़ान के रोज़े फर्ज है। नाबालिग बच्चे और पागल पर रोज़े फर्ज नहीं हैं। औरतों को उनके महावारी के दिनों में रोज़े रखने की इजाज़त नहीं है, रमज़ान के बाद इन रोज़ों की कज़ा करे जो कमज़ोर औरत हमल यानि पेट से हो या बच्चे को दूध पिलाती हो और रोज़े रखने की वजह से अपनी या बच्चे की जान जाने या सख्त बीमारी का खतरा महसूस करे वह रोज़े कज़ा कर सकती है। यूं ही हर बीमार और कमज़ोर आदमी रमज़ान के रोज़े रखने की वजह से बीमारी खतरनाक होने या जान जाने का सही गुमान करे उसको भी रोज़ा कज़ा करने की इजाज़त है। उन्होंने कहा कि जो शख़्स मुसाफ़िर है उसको कुरआन व हदीस में रमज़ान के रोज़े न रखने की इजाज़त दी गई ,है लेकिन सफ़र में अगर आराम हो कोई ख़ास परेशानी न हो तो रोज़ा रख लेना ही बेहतर है। रमजान में गांव और लोगों की कल्याण के लिए अल्लाह से दुआ (प्रार्थना) करे, ज़कात दे, फ़ित्रा अदा करे।
हर मुसलमान को बालिग है रोजा : मो इब्राहिम रजा
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