पटना: कोरोना वायरस के समय जहां रोजाना नाते-रिश्तेदारों के मुंह फेरने की खबर सामने आ रही हैं। वहीं गया जिले में नर्सों ने मानवता की मिसाल पेश की है। यहां पांच महिलाओं ने सड़क हादसे के बाद तड़प रहे दो सगे भाईयों के शरीर से निकल रहे खून को रोकने के लिए जख्म पर अपना दुपट्टा लपेट दिया। इसके बाद एंबुलेंस को कॉल करके उन्हें अस्पताल पहुंचाया। इससे दोनों भाईयों की जान बच गई।
बताया जा रहा है कि यह मामला गया-परैया सड़क स्थित सरबदीपुर टांड़ का है। यहां गुरुवार शाम को गया की तरफ से आ रही एक कार ने सामने से आ रही बाइक को जोरदार टक्कर मार दी। ये टक्कर इतनी तेज थी कि बाइक सवार दो सगे भाई इसमें गंभीर रूप से घायल हो गए। वे खून से लथपथ होकर दर्द से कराह रहे थे।
तभी वहां से गुजर रहीं एएनएम अनिता कुमारी, सुनीता कुमारी, रंजना कुमारी, विभा कुमारी व डाटा ऑपरेटर प्रियंका कुमारी ने उन्हें देखा। उन्हें समझ आ गया कि यदि इन्हें जल्द प्राथमिक उपचार नहीं मिला तो इनकी जान जा सकती है। बस फिर क्या था उन्होंने दोनों भाईयों को सड़क पर ही प्राथमिक उपचार दिया।
दुपट्टा निकालकर पेट पर बांधा
एक एएनएम ने दोनों को गोद में उठाया। इसके बाद वे खून को रोकने और दर्द को कम करने की कोशिश में जुट गईं। प्राथमिक उपचार के दौरान दोनों भाईयों के शरीर से खून निकल रहा था। ज्यादा खून बहने से उनकी जान को खतरा था। ऐसे में खून को रोकने की कोशिश की गई लेकिन जब वे ऐसा नहीं कर पाईं तो एएनएम ने अपना दुपट्टा निकालकर पेट पर लपेट दिया। इसके बाद खून निकलना कम हुआ।
एंबुलेंस बुलाकर अस्पताल भिजवाया
इसके बाद स्थानीय अस्पताल के चिकित्सा अधिकारी को फोन करके एंबुलेंस मंगवाई गई। अस्पताल से एंबुलेंस आई और उन्हें इलाज के लिए गया के अस्पताल भेजा गया। साथ ही पुलिस को भी घटना की सूचना दी गई। नर्सों को एक देखकर एक राहगीर ने भी उन्हें एंबुलेंस में रखने में मदद की। दोनों युवक अब खतरे से बाहर हैं।