परवेज अख्तर/सिवान : राज्य सरकार के आदेश की सूचना मिलते ही आशाकर्मी आगबबूला हो गई और शुक्रवार को अस्पताल के गेट के पास भूख हड़ताल पर बैठ गई। 12 सूत्री मांगों को लेकर आशा कार्यकर्ताओं का अनिश्चितकालीन हड़ताल के साथ भूख हड़ताल शुक्रवार को जारी रहा। आशा कार्यकर्ता अस्पताल के मेन गेट को बंद कर अब भूख हड़ताल पर बैठ गईं। आशा कर्मी पुष्पा देवी की स्वास्थ्य बिगड़ने के बावजूद हड़ताल में शामिल रही जो पुन: बेहोश होकर गिर पड़ी। राज्य सरकार के फरमान की हड़ताल में शामिल और नुकसान करने वाली को पहचान कर आशा को कार्य से मुक्त करने के आदेश पर आशा संघ की अध्यक्ष माया देवी ने कहा कि जब तक मांग सरकार पूरा नहीं करती है तब तक हड़ताल जारी रहेगा। प्रभारी डॉ. जेपी प्रसाद और स्वास्थ्य प्रबंधक मो. असरारुल हक उर्फ डीजू ने आशा कार्यकर्ताओं को समझाने का प्रयास किया लेकिन वह अपनी बात पर अड़ी रही। आशा कर्मी प्रमिला पांडेय ने बताया कि हड़ताल के महीनों बीत जाने के बाद भी किसी ने हमलोगों की फरियाद को नहीं सुनी, जिससे आशा में काफी आक्रोश है। चिकित्सा प्रभारी डॉ. जेपी प्रसाद का कहना है कि आशा को गेट बंदकर हड़ताल पर बैठने से स्वस्थ विभाग की सेवा चरमरा गई है। इस दौरान आशा माया देवी, सुनैना देवी, सुमन देवी, शैल देवी, सोहिला देवी,निर्माला देवी, धर्मशीला देवी, विभा देवी, प्रेमा कुमारी, इंदु देवी, मीना,प्रभावती देवी, लक्ष्मी देवी आदि ममता एवं आशा कार्यकर्ता मौजूद थीं।स्वास्थ प्रबंधक मिथलेश कुमार ने बताया कि टीकाकरण काफी प्रभावित है। आशा फैसिलेटर गीता देवी ने कहा कि सरकार हमलोगों क़ो उचित वेतन न देकर काफी नाइंसाफी कर रही है। मांगें पूरी होने तक हड़तालजारी रहेगा। इस मौके पर आशा देवांती देवी, नशिमा खातून, फुलमाला देवी, शोभा देवी, सीमा देवी सहित कई लोग उपस्थित थे।
सरकार का फरमान सुन आशा हुई आगबबूला, किया प्रदर्शन
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