आस्था :- कोरोना पर आस्था भारी, कार्तिक पूर्णिमा पर लाखों श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी

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परवेज़ अख्तर/सिवान:
कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर सोमवार की अल सुबह जिला मुख्यालय समेत ग्रामीण क्षेत्रों के नदी घाटों पर स्नान को ले श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। दरौली के पंचमंदिर घाट, शिवालय घाट, मलपुरवा घाट के अलावा तटवर्ती दुब्बा, नरौली, बरौली, अमरपुर, केवटलिया, तीयर, सिंहपुर, पतार के घाटों, गुठनी, रघुनाथपुर, सिसवन समेत अन्य घाटों पर करीब लाखों श्रद्धालुओं ने सरयू नदी में पवित्र स्नान कर भगवान सूर्य की पूजा करने के बाद हरि विष्णु-भगवान समेत अन्य देवी-देवताओं की भी पूजा अर्चना कर विश्व को कोरोना से मुक्ति के साथ-साथ परिवार के सुखमय जीवन की कामना की तथा ब्राह्माणों तथा गरीब-दुखियों के बीच दान-पुण्य की। इस दौरान पुलिस-प्रशासन के लोग कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने लिए सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन कराने में लगे रहे। श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए विभिन्न घाटों पर लाइटिग, नाव-नाविक एवं गोताखोरों की व्यवस्था की गई थी। साथ ही सुरक्षा को ले चप्पे-चप्पे महिला व पुरुष बल की तैनाती की गई थी। इसके अलावा बसंतपुर, भगवानपुर, लकड़ी नबीगंज, मैरवा, जीरादेई, पचरुखी, महाराजगंज, दारौंदा, बड़हरिया, नौतन, हुसैनगंज, हसनपुरा आदि प्रखंडों में लोगों ने नदी एवं घरों में स्नान कर पूजा अर्चना की।

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महिलाओं ने पारंपरिक तरीके से भरी कोसी

मन्नत पूरी होने पर कार्तिक पूर्णिमा पर नदी घाटों पर कोसी भरने की परंपरा जारी रही। दरौली के पंचमंदिर छठ घाट, शिवालय व मलपुरवा घाट, गुठनी के ग्यासपुर, सोनहुला, रघुनाथपुर के पतार, नहरन, सिसवन, शिवाला,कचनार, भागर, जई छपरा, घाट समेत अन्य घाटों पर गन्ना, दीप व अन्य सामग्री के साथ महिलाओं ने कोसी भरी और पूजा अर्चना की। इस दौरान पारंपरिक गीतों से नदी घाट गुलजार हो गया था।

ब्रह्मा मुहूर्त में ही गूंजने लगा था हर-हर गंगे का जयघोष

सोमवार को कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान को ले डुबकी लगाने को लेकर घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ दिखी। दूर दराज से वाहनों पर सवार होकर आए लोगों के साथ शहरी क्षेत्रों के महिला व पुरुष श्रद्धालुओं की भीड़ घाट पर हर-हर गंगे के जयघोष के साथ गंगा में डुबकी लगाते नजर आए। नदी-घाटों में डुबकी लगाने का सिलसिला ब्रह्मा मुहूर्त से ही आरंभ हो गया। स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना व दान-पुण्य किया। श्रद्धालुओं की भीड़ सभी घाटों पर दिखी।

घाटों पर की गई थी बैरिकेडिग

श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विभिन्न घाटों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। नदी घाटों पर बांस-बल्ली से बैरिकेडिग की गई थी, जिसके अंदर ही श्रद्धालुओं को स्नान करने की अनुमति थी। सरयू घाट समेत अन्य घाटों पर एनडीआरएफ की टीम, गोताखोरों और नावों की भी व्यवस्था की गई थी। पदाधिकारी सुबह से ही घाटों का निरीक्षण कर रहे थे। निरीक्षण के दौरान वे कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए स्नान करने का निर्देश श्रद्धालुओं को दे रहे थे।

पूजा को मंदिरों में उमड़ी रही भीड़

कार्तिक पूर्णिमा स्नान के बाद घाटों पर स्थित विभिन्न देवी-देवताओं की मंदिरों में पूजा-अर्चना को ले श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही। यह कार्यक्रम शाम तक चलता रहा।

कार्तिक पूर्णिमा पर नहीं लगा मेला

कोरोना संक्रमण के चलते विशाल आयोजनों को सरकार के निर्देश पर स्थानीय प्रशासन लगातार रद कर रहा है। इस बीच जिले में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर लगने वाला मेला भी स्थगित कर दिया गया था। सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा मेले की अनुमति नहीं दी गई थी।