परिवार वालों ने पोलियो की खुराक पिलाने से किया इनकार, डब्ल्यूएचओ की टीम की मेहनत से मिली सफलता

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  • एसएमओ डॉ. शैली गोखले ने परिवार को किया जागरूक
  • समझाने के बाद परिवार वालों ने बच्चों को पिलाई पोलिया की दवा
  • एसएमओ ने विभिन्न गांवों में पोलिया अभियान का किया मॉनिटरिंग
  • स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी भी कर रहें मॉनिटरिंग

सिवान: जिले में पांच दिवसीय पल्स पोलियो अभियान की शुरुआत की गयी है। जिसके तहत आशा व आंगनबाड़ी सेविका व अन्य स्वास्थ्य कर्मी घर-घर जाकर 0 से 5 वर्ष तक बच्चों को पोलिया की खुराक पिला रहे हैं। इसी कड़ी में मंगलवार को रघुनाथ प्रखंड के सांठी गांव में एक परिवार के सदस्यों ने बच्चों को पोलिया की खुराक पिलाने से इनकार कर दिया। इसकी सूचना मिलते ही विश्व स्वास्थ्य संगठन के एसएमओ डॉ. शैली गोखले अपने फील्ड मॉनिटर राम बिहारी के साथ उस गांव में पहुंचे और परिवार के सदस्यों को पोलियो के बारे में विस्तार से जानकारी दी तथा बताया कि बेहतर भविष्य के लिए बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाना कितना आवश्यक है। उन्होंने परिवार को समझाया कि पोलियो की दवा पिलाने से किसी तरह की कोई समस्या नहीं होगी। इससे बच्चों को अन्य संक्रामक रोगों से सुरक्षा मिलेगी। जिसके बाद परिवार के सदस्य बच्चे को दवा पिलाने के लिये तैयार हुए। एसएमओ डॉ. शैली गोखले ने खुद बच्चों को पोलियों की दवा पिलाई। इसके साथ हीं उन्होंने नौतन, सदर प्रखंड के कई गांवों में घर-घर जाकर पोलियो अभियान की मॉनिटरिंग की और ईंट भट्टों पर काम करने वाले मजदूरों व अन्य लोगों को पोलियो अभियान के बारे में जानकारी दी । वहीं सिविल सर्जन डॉ. यदुवंश कुमार शर्मा, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. प्रमोद कुमार पांडेय, डीपीएम ठाकुर विश्वमोहन, यूनिसेफ एसएमसी पीएन सिंह समेत अन्य पदाधिकारी भी लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं।

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4.22 लाख बच्चों को दवा पिलाने का है लक्ष्य

जिले में लगभग 4.22 लाख बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाने का लक्ष्य रखा गया है। वहीं इसके लिए जिले में 5.33लाख घरों को चिह्नित किया गया है। निर्धारित लक्ष्य को शत-प्रतिशत पूरा करने के लिए जिले में 1505 दल बनये गए हैं। जिसमें 1302 डोर टू डोर टीम, 148 ट्रांजिट दल, 20 वन मैन दल, 35 मोबाइल दल व 477 सुपरवाइजर लगाए गए हैं।

अभियान के तहत एक भी बच्चा नहीं छूटे

डब्ल्यूएचओ की एसएमओ डॉ शैली गोखले ने बताया पल्स पोलियो अभियान के तहत एक भी बच्चा नहीं छूटे इसके लिए विभाग द्वारा व्यापक तैयारियाँ की गई है । दरअसल, एक भी बच्चा छूटने पर वायरस फैलने की प्रबल संभावना रहती है। इसको लेकर जिले के चौक-चौराहे, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन आदि जगहों पर दवा पिलाने के लिए कर्मियों की तैनाती की गयी है , जो बाहर से आने-जाने वाले यानी सफर कर रहे बच्चे को दवा पिलाऐंगे। इससे सफर पर निकले बच्चे वंचित नहीं रहेंगे।

हर दिन शाम में हो रही है ब्रीफिंग

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. प्रमोद कुमार पांडेयय ने बताया कि अभियान की सफलता को लेकर हर दिन शाम में जिले के सभी पीएचसी में ब्रीफिंग की जा रही है। जिसमें पीएचसी प्रभारी, मैनेजर, सीडीपीओ, महिला पर्यवेक्षिका (एलएस) समेत अन्य पदाधिकारी व कर्मी शामिल होते हैं और दिनभर के कार्यों समीक्षा करते हैं । साथ ही हर दिन कितने बच्चों को दवा पिलाई गई समेत पूरे दिन के कार्यों की रिपोर्ट तैयार की जा रही है।