- बीडीओ संजय कुमार राय के बयान पर पुलिस ने दर्ज की प्राथमिकी
- 27 लाख 42 हजार रुपए की गबन का आरोप
गोपालगंज : जिले के भोरे प्रखंड के चकरवा खास पंचायत में मनरेगा घोटाला कांड मामले में आखिरकार प्रखंड विकास पदाधिकारी के बयान पर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर दी है।बता दें कि भोरे प्रखंड के पंचायत राज चकरवा खास में वित्तीय वर्ष 2018- 19 में मनरेगा कर्मियों के द्वारा सांसद और विधायक निधि से बनी 4 सड़कों को मनरेगा से कार्य निर्माण दिखाकर 27 लाख 42 हजार रुपए का गबन किया गया था। गबन के मामले में मनरेगा के कार्यपालक अभियंता, पीओ, जेई, रोजगार सेवक, पंचायत तकनीकी सहायक, लेखापाल और कंप्यूटर ऑपरेटर सहित आठ लोगों के खिलाफ थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गई है। यह प्राथमिकी भोरे प्रखंड विकास पदाधिकारी संजय कुमार राय ने दर्ज कराई है। इससे पूर्व उप विकास आयुक्त सज्जन आर ने इन कर्मियों पर बर्खास्तगी की कार्रवाई भी शुरू की थी।प्राथमिकी दर्ज होने के बाद मनरेगा कर्मियों में हड़कंप मच गया है।मालूम हो कि प्रखंड की चकरवां खास पंचायत में सांसद और विधायक निधि से बनी चार सड़कों को मनरेगा से कार्यान्वित दिखाकर 27.42 लाख रुपए की निकासी कर ली गयी थी। मामले में पंचायत के पूर्व मुखिया रामाशंकर चौरसिया की शिकायत पर ग्रामीण विकास विभाग की तरफ से करायी गई जांच में पता चला कि सांसद व विधायक मद से पूर्व में बन चुकी सड़क को ही मनरेगा से बनाने की कागजी खानापूर्ति कर उक्त रुपए की निकासी कर ली गई थी।
इन सड़कों पर किया गया था गवन
बता दें कि पूर्व में सांसद और विधायक मद से जिन चार सड़कों का मिट्टीकरण और इंटीकरण कराया जा चुका था उन्हीं सड़कों का निर्माण वित्तीय वर्ष 2018- 19 में मनरेगा से दिखाकर 27.42 लाख रुपये की गबन कर ली गयी थी। पंचायत के पूर्व मुखिया रामाशंकर चौरसिया की तरफ से ग्रामीण विकास विभाग, पटना को पत्र लिखकर पूरे मामले की जानकारी देने और ग्रामीण विकास विभाग की तरफ से कराई गई जांच के बाद इस मामले का खुलासा हो सका।जांच में चकरवां खास पंचायत की हरिहरपुर मोड़ से ऊसरा टोला जाने वाली पथ, इमीलिया पट्टी मोड़ से मेन रोड जाने वाली पथ, भगत चफवा मोड़ से उसरा टोला जानेवाली पथ और उसरा टोला रामाधार भगत के दरवाजे से मथौली बाजार जाने वाली सड़क में मिट्टी एवं इंट्टीकरण कार्य में गबन का खुलासा हुआ।
एक ही तिथि में सभी योजनाओं को दे दी गई थी स्वीकृति
जांच में यह बात सामने आयी कि डीआरडीए के कार्यपालक अभियंता औजेर अहमद की तरफ से सभी योजनाओं की तकनीकी स्वीकृति एक ही तिथि दो अप्रैल 2018 को दे दी गयी थी,जबकि 10 लाख से कम एवं पांच लाख से अधिक के योजना की तकनीकी स्वीकृति सहायक अभियंता के द्वारा देने का प्रावधान है।वहीं मनरेगा पीओ प्रकाश कुमार श्रीवास्तव की तरफ से सभी चारों योजनाओं की प्रशासनिक स्वीकृति भी एक ही तिथि तीन अप्रैल 2018 को दी गई थी। किसी भी अभिलेख में वार्षिक कार्य योजना की प्रति अथवा उसका क्रमांक भी अंकित नहीं किया गया था।इसके साथ ही किसी भी अभिलेख में ग्राम सभा की तरफ से योजना पारित होने के आदेश की प्रति भी उपलब्ध नहीं थी।
बीडीओ के बयान पर इन लोगों के खिलाफ दर्ज हुई प्राथमिकी
बीडीओ संजय कुमार राय के बयान पर स्थानीय थाने में मनरेगा के तत्कालीन कार्यक्रम पदाधिकारी प्रकाश कुमार श्रीवास्तव, तत्कालीन लेखापाल और कंप्यूटर ऑपरेटर राज रजनीश, तत्कालीन पंचायत रोजगार सेवक अनिल कुमार, तत्कालीन पंचायत तकनीकी सहायक राजेश्वर प्रसाद, तत्कालीन कनीय अभियंता जयप्रकाश चौधरी, डीआरडीए के कार्यपालक अभियंता औजेर अहमद, तत्कालीन लेखापाल दीपक कुमार और कंप्यूटर ऑपरेटर तथा जय अंबे ट्रेडर्स के प्रबंधक रमेश कुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है। थानाध्यक्ष सुभाष कुमार सिंह ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस अग्रिम कार्रवाई में जुटी हुई है।