- साहिल व शहबान की हुई निर्मम हत्या मामले में पुलिस के खिलाफ मोहल्लेवासी समेत कई राजनीतिक दल के लोग उतरे थे सड़क पर
- पुलिस द्वारा हत्याकांड को, सड़क दुर्घटना बताने पर आक्रोशित हुए थे मोहल्लेवासी व परिजन
परवेज अख्तर/एडिटर इन चीफ:
बीते 1 सितंबर की देर शाम घर से बुला, ले जाकर दो युवकों की हुई निर्मम हत्या मामले में न्याय के लिए सड़क पर उतरे मोहल्लेवासी समेत कई राजनीतिक दल के कार्यकर्ताओं के विरुद्ध सिवान में लगातार पुलिसिया दमन जारी है। पुलिस के विरुद्ध सड़क पर उतरे लोगों के विरुद्ध सिवान पुलिस ने एक प्राथमिकी दर्ज करा कर लोगों को और सकते में डाल दिया है। यह प्राथमिकी नगर थाने में पदस्थापित दारोगा श्री मुन्ना पासवान के बयान पर नगर थाना कांड संख्या 480 बट्टा 2021अंकित कराई गई है।दर्ज प्राथमिकी में कोविड-19 जैसे संक्रमण काल तथा त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर जिला में लगाए गए निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने जैसे बातों का जिक्र किया गया है।दर्ज प्राथमिकी में सिवान विधानसभा क्षेत्र के भीम आर्मी के पूर्व प्रत्याशी नेमत खान आजाद , भीम आर्मी के दीपक सम्राट,वार्ड पार्षद पति मंसूर आलम पुरानी किला, मोहम्मद खालिद, इमाम हसन,आईसा जिला सचिव अनीश शमशाद अली, छोटे, हीरा बाबू , शकील अहमद, इमरान अली, फिरोज, मिथलेश पटेल, एजाज अंसारी, सैनूउल्लाह, गोल्डेन, जुल्फिकार, साबिर अली, समेत 100 से 150 अज्ञात लोग शामिल हैं।
यहां बताते चले कि नगर थाना में दर्ज कांड संख्या 480 बट्टा 2021में सराय ओपी प्रभारी तनवीर आलम ने दर्ज कांड के एक नामजद आरोपित एवं भीम आर्मी से सिवान सदर के पूर्व प्रत्याशी रहे नेमत खान आजाद को शहर के थाना रोड से सोमवार की दोपहर बाद गिरफ्तार कर लिया गया है। यहां बताते चलें कि बीते 1 सितंबर की देर शाम नगर थाना क्षेत्र के पुरानी किला अंसारी मोहल्ला निवासी शकील अंसारी उर्फ भुटेली के 22 वर्षीय पुत्र साहिल आजम तथा सर सैयद अहमद चौक निवासी शमशाद अली उर्फ लाडले के 20 वर्षीय पुत्र शहबान सिद्दीकी उर्फ साइबल को घर से बुलाकर ले जाया गया तथा दोनों युवकों की निर्मम तरीके से हत्या कर उन लोगों के शव को मुफस्सिल थाना क्षेत्र के सरावे तथा कररुआ के बीच पानी से भरा गड्ढा नुमा में फेंक दिया गया था।रात भर दोनों युवकों के परिजन खूब तलाश किए परंतु दोनों का कहीं सुराग नहीं लगा।इसी बीच 2 सितंबर की अलसुबह परिजनों को एक मनहूस खबर मिली कि दोनों का खून से लथपथ शव मुफस्सिल थाना परिसर में रखा हुआ है।
तो आनन-फानन में परिजन मुफस्सिल थाना पहुंचे जहां शव की पहचान होते ही दहाड़ मार भी लगने लगे।घटना को लेकर मृतक साहिल आजम की मां शबनम खातून के लिखित आवेदन पर मुफस्सिल थाने में एक नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई। जिसमें नगर थाना क्षेत्र के दक्षिण टोला ब्रह्म स्थान निवासी राहुल शर्मा तथा पुरानी किला अंसारी मोहल्ला निवासी दानिश उर्फ गोलू अंसारी समेत पांच लोगों को नामजद आरोपित किया गया।आक्रोशित मोहल्ला वासी तथा परिजनों का आरोप था कि पुलिस ने घटना के एक दिन बाद राहुल शर्मा तथा दानिश उर्फ गोलू अंसारी को हिरासत में लेने के बावजूद दोनों युवकों को दुर्घटनाग्रस्त मौत का कारण बताकर छोड़ दिया गया।आक्रोशित मोहल्ला वासियों का यह आरोप था कि अभी पोस्मार्टम रिपोर्ट पुलिस को हाथ नहीं लगी तब तक पुलिस द्वारा कैसे समझा गया कि यह दोनों युवकों की मौत सड़क दुर्घटना में हुई है।इसी को लेकर विगत दिनों शहर में आक्रोशित मोहल्ला वासी तथा कई राजनीतिक दल के कार्यकर्ताओं ने मुफस्सिल थाना पुलिस के खिलाफ शहर में एक विशाल प्रदर्शन निकाला था।
और प्रदर्शन के माध्यम से लोगों ने वरीय पुलिस पदाधिकारी से न्यायिक जांच की मांग तथा दोषियों पर उचित कार्रवाई की मांग की थी।लेकिन पुलिस द्वारा कानूनी ढंग से प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों की नहीं सुनी और पुलिस द्वारा कोविड-19 जैसे संक्रमण काल तथा त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर जिला में लगाए गए निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने जैसे बातों का जिक्र कर नगर थाने में पदस्थापित एक दारोगा के फर्द बयान के आधार पर एक प्राथमिकी दर्ज करा दी गई।दर्ज प्राथमिकी मामले में भीम आर्मी के पूर्व प्रत्याशी नेमत खान आजाद को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।गिरफ्तार नेमत खान आजाद का जुल्म बस इतना था कि उन्होंने कहा था कि आखिर किसी अपराधिक मामले में गिरफ्तार अपराधी कैसे छूट जाते हैं ? दूसरी ओर उन्होंने कहा था कि आखिर दोहरे चर्चित हत्याकांड में बगैर पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के पहले पुलिस इसे कैसे दुर्घटना में हुई मौत का कारण बताया ? बहरहाल चाहे जो हो नगर थाना पुलिस द्वारा भीम आर्मी के पूर्व प्रत्याशी नेमत खान आजाद की गिरफ्तारी को लेकर नगर थाने की पुलिस के प्रति शहर वासियों में आक्रोश देखा जा रहा है।वहीं इस मामले में एपवा नेत्री पूर्व जिला पार्षद सोहिला गुप्ता ने कहा कि सिवान पुलिस अब लोगों के साथ अंग्रेजों जैसा हुकूमत पेश कर रही है। जिसका जीता जागता उदाहरण यह है कि अगर कोई अपना अधिकार मांगने के लिए कानूनन ढंग से रोड पर उतरे तो पुलिस उसे प्राथमिकी दर्ज कर गिरफ्तार कर लेती है तथा निर्दोष एवं निहत्थे लोगों पर प्राथमिकी दर्ज उनकी आवाज को दबाने के लिए परेशान कर रही है।