परवेज अख्तर/सिवान :- बिहार के सीवान में मुफस्सिल थाना क्षेत्र के बरहन गोपाल गांव के चंवर में स्थित झोपड़ी के पीछे एक युवती का शव मिलने से सनसनी फैल गयी. युवती की पहचान बरहन गांव निवासी अनवर मियां की पुत्री बतायी जाती है. जिसे रविवार की देर शाम उसके प्रेमी ने साथी संग मिलकर जबरन घर से उठा लिया था. शव मिलने के बाद युवती के घर में कोहराम मच गया. माता के बयान पर पुलिस ने युवती के प्रेमी को गिरफ्तार कर पूछताछ कर रही है. वहीं उसके साथी की तलाश में छापेमारी भी कर रही है. बताते चले कि सोमवार की सुबह गांव के लोग चंवर में शौच करने के लिए जा रहे थे. तभी शमशान घाट के समीप एक झोपड़ी के पीछे एक युवती का शव देखा. शव मिलने की सूचना जंगल की आग की तरह पूरे क्षेत्र में फैल गयी. देखते ही दर्जनों लोगों की भीड़ मौके पर उमड़ पड़ी. इधर, शव मिलने के बाद बरहन गांव निवासी अनवर मियां की पत्नी सुबूक तारा कांप उठी. वह भागती हुई सीधा घटनास्थल पर भी शव को देखने गयी. उन्होंने देखा कि यह तो मेरी पुत्री रुकसाना है.
वहीं मृतक की मां ने अपनी पुत्री का शव पर लेट कर रोने लगी. जब उसकी सूचना अन्य परिजनों व परिजनों को मिला तो वो भी घटना स्थल पर पहुंच गये. परिजनों ने इसकी सूचना पुलिस को दिया. मुफस्सिल थाना पुलिस ने घटना स्थल पर पहुंच शव को कब्जे में लेकर मामले की जांच में जुट गयी. घटना के संबंध में मृतक की माता सुबुक तारा ने बताया कि कुछ वर्ष पहले बरहन के कुंदन खरवार व रुख्साना प्यार कर बैठे. कुछ दिन के बाद प्यार शादी में बदल गया. दोनों एक-दूसरे के साथ पति-पत्नी के रूप में जीने लगे. इसके बाद दोनों के अनबन शुरू हो गयी. इधर के कुछ दिनों से कुंदन रुख्साना और उसके परिवार वालों पर कुछ रुपये के लिए दबाव बनाने लगा था.
मृतक की मां का आरोप था कि रविवार की रात्रि सभी लोग घर पर ही थे. तभी मेरी पुत्री रुखसाना को दो युवक कुंदन खरवार व सुनील खरवार उठा कर लेकर चले गये. मेरे पुत्र की नजर इस पर पड़ गयी. मेरे पुत्र ने आकर मुझसे इस बात की सूचना दिया. हमलोगों ने अपनी पुत्री का खोजबीन करना शुरू कर दिया, लेकिन उसका कहीं आता-पता नहीं चला. सुबह में इसका शव चंवर में एक झोपड़ी के पीछे से मिला. इस मामले में मुफस्सिल थानाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि मामले की जांच चल रही है. इसमें कुंदन कुमार को गिरफ्तार भी किया गया हैं. अन्य के लिए छापेमारी चल रही है.
पूरे परिजन रहते थे असम
मृतक के पूरे परिजन असम में रहते थे. कुछ वर्ष पूर्व ही वे लोग बरहन गांव में अपने पट्टीदारों से जबरजस्ती अपना जमीन लेकर यहां बसे है.
एक झोपड़ी में पूरा परिवार करता है बसर
मृतक रूख्साना का पूरा परिवार एक झोपड़ी व एक प्लास्टिक के तिरपाल के नीचे झमाझम बारिश में भी अपना गुजर बशर करते है. माता-पिता दूसरों के खेतों में मजदूरी कर अपना परिवार का पालन पोषण करते है