✍️परवेज अख्तर/एडिटर इन चीफ:
पूर्व विधान पार्षद प्रत्याशी रईस खान के काफिले पर हत्या करने की नीयत से अत्याधुनिक हथियारों से फायरिंग करने के मामले में जेल में बंद पूर्व मुखिया साबिर मियां और महुवल गांव निवासी तबरेज आलम को उच्च न्यायालय से जमानत प्राप्त हो गई है।जमानत मिलने के पश्चात निचली अदालत में प्रक्रिया पूरी करने के पश्चात साबिर मियां मंडल कारा से रिहा हो गए।प्राप्त जानकारी के मुताबिक हुसैनगंज थाना कांड संख्या 92/22 जो रईस खान के लिखित तहरीर पर दर्ज हुई थी।दर्ज प्राथमिकी में यह उल्लेख किया गया था कि विधान पार्षद चुनाव के समापन के बाद जब मैं सिवान से अपने गांव लौट रहा था तो रास्ते में हरिहांस गांव के पास मेरे काफिले पर अंधाधुंध हमलावरों द्वारा गोली चलाई गई थी।
इसमें एक राहगीर की गोली लगने से मौत भी हो गई थी,जबकि उनके कई समर्थक सदीद तौर पर जख्मी हो गए थे।साबिर मियां और तबरेज आलम इस मामले में नामजद आरोपित थे।दोनों को पुलिस ने तकनीकी सेल के आधार पर गिरफ्तार किया था।निचली अदालत द्वारा जमानत याचिका रद होने के पश्चात साबिर मियां व तबरेज आलम ने उच्च न्यायालय में जमानत हेतु याचिका दायर किए थे।जहां उच्च न्यायालय ने कुछ शर्तों के आधार पर साबिर मियां और तबरेज मियां को जमानत प्रदान कर न्यायिक मामले में सकारात्मक सहयोग का निर्देश जारी किया है।
यहां बताते चलें कि रईस खान पर अत्याधुनिक हथियारों से जान मारने की नियत से हुई फायरिंग की घटना के बाद सिवान की राजनीतिक गलियारों में भूचाल सा मच गया था।इस दौरान पक्ष एवं विपक्ष का कटाक्ष भी अपने उरूज पर था।पुलिस ने इस मामले में तत्परता दिखाते हुए दर्ज कांड के कई आरोपियों को तकनीकी सेल के आधार पर गिरफ्तार कर जेल की हवा खिला दी थी।रईस खान पर हुई अत्याधुनिक हथियारों से फायरिंग का मामला अभी पुलिस अनुसंधान अंतर्गत है।पुलिस अनुसंधान अंतर्गत यह मामला होने के कारण अभी तक दर्ज कांड के सभी आरोपियों के विरुद्ध न्यायालय में चार्जशीट दाखिल नहीं किया गया है।