दिल्ली: विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की ओर से चुनाव प्रचार करने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह भी चुनावी मैदान में कूद गए हैं. उन्होंने गुरुवार को वीडियो जारी कर केंद्र सरकार पर हल्ला बोला है. मनमोहन सिंह ने मोदी सरकार के राष्ट्रवाद को नकली करार देते हुए कहा कि वह अग्रेजों की फूट डालो और राज करो की नीति पर चलता है।
मोदी सरकार को चीन के मुद्दे पर घेरते हुए कहा कि एक साल से चीनी फौज भारत की पवित्र जमीन पर बैठी है. इस सरकार को संविधान पर भरोसा नहीं है. कहा कि संवैधानिक संस्थाओं को लगातार कमजोर किया जा रहा है. सरकार देश के अंदर ही नहीं बल्कि विदेश नीति के मोर्चे पर भी फेल हुई है. डॉ मनमोहन सिंह ने पंजाब, कोरोना, महंगाई, बेरोजगारी चीन, राष्ट्रवाद सहित कई मुद्दों पर अपनी राय रखी. उन्होंने कहा कि आज देश की स्थिति चिंताजनक है. कोरोना के दौर में केंद्र सरकार की गलत नीतियों के कारण एक तरफ अर्थव्यवस्था गिरी है. महंगाई और बेरोजगारी से लोग परेशान हैं. 7 साल सरकार चलाने के बाद भी केंद्र सरकार गलतियों को नहीं मान रही।
मोदी सरकार लोगों की समस्याओं के लिए जवाहर लाल नेहरू को जिम्मेदार ठहरा रही है. आरोप लगाया कि सरकार अपने स्वार्थ को पूरा करने के लिए लोगों को जाति, धर्म और क्षेत्र के नाम पर बांट रही है. उन्हें आपस में लड़ाया जा रहा है. केंद्र सरकार बांटो और राज करो की राजनीति पर चल रही है. डॉ सिंह ने कहा कि चुनावी माहौल में पंजाब की जनता के सामने बड़ी चुनौतियां हैं. इनका मुकाबला ठीक तरीके से करना जरूरी है।
किसान आंदोलन के दौरान भी पंजाब और पंजाबियत को बदनाम करने की कोशिश की गयी. जिन पंजाबियों की दिलेरी, बहादुरी, देशभक्ति और कुर्बानी को पूरी दुनिया सलाम करती है. उनके बारे में क्या कुछ नहीं किया गया. पंजाब की धरती पर पैदा हुए एक सच्चे देशवासी के नाते मुझे इससे बहुत दुख हुआ।
डॉ सिंह ने कहा कि मैं मानता हूं कि पीएम के पद का एक खास महत्व होता है. इतिहास पर दोष लगाकर अपने गुनाह कम नहीं हो सकते. पीएम के तौर पर काम कर मैंने ज्यादा बोलने की जगह काम को तरजीह दी. हमने सियासी लाभ के लिए देश को नहीं बांटा. कभी सच पर पर्दा डालने की कोशिश नहीं की।
इस सरकार को आर्थिक नीतियों की कोई समझ नहीं है. गलत नीतियों की वजह से देश आर्थिक मंदी की जकड़ में फंस गया है. किसान, व्यापारी, विद्यार्थी और औरतें परेशान हैं. देश के अन्नदाता दाने-दाने के मोहताज हो गये हैं. देश में सामाजिक असमानता बढ़ गयी है. लोगों पर कर्जा बढ़ रहा और कमाई घट रही है. अमीर और अमीर हो रहे और गरीब और गरीब हो रहे हैं. सरकार आंकड़ों के साथ धोखा कर सब कुछ ठीक बता रही है. सरकार की नीति और नीयत में खोट है।
चीन की फौज पिछले एक साल से हमारी पवित्र धरती पर बैठी है. इस मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है. पुराने दोस्त हमसे टूट रहे हैं. पड़ोसी देशों से भी हमारे संबंध बिगड़ रहे हैं. मैं उम्मीद करता हूं कि सत्ताधारियों को समझ आ गयी होगी कि जबरन गले लगने, घुमाने या बिना बुलाने बिरयानी खाने पहुंचने से देश के रिश्ते नहीं सुधर सकते. सरकार को यह भी समझ लेना चाहिए कि अपनी सूरत बदलने से सीरत नहीं बदलती. सच हमेशा सामने आ ही जाता है।