मंदिर के पूर्व महंत मूर्ति चोरी कर हो चुका है फरार
परवेज अख्तर/सिवान: जिले के पचरुखी प्रखंड क्षेत्र के तरवारा बाजार स्थित श्री राम जानकी मंदिर में जालसाजी कर गलत पते से मंदिर का महंत बनने का एक सनसनी खेज मामला प्रकाश में आया है।उक्त मामला प्रकाश में आते हीं न्यास समिति के सदस्यों में खलबली मच गई।बाद में जांच उपरांत न्यास समिति के एक सदस्य ने पटना उच्च न्यायालय में तथ्यों के साथ एमआईएस अपील किया है। यहां बताते चले कि तरवारा बाजार स्थित श्री राम जानकी मंदिर जो थाना से सटे है जिसका पूर्व में महंत श्री रघुनाथ दास बैरागी थे।उसके बाद उनके शिष्य महंत मोहन दास हुए थे। जो मंदिर का मूर्ति बेचकर वर्षों पूर्व फरार हो गए।उसके बाद भरतपुरा पंचायत का जन वितरण प्रणाली दुकानदार श्री महेश जी तिवारी पिता स्वर्गीय लक्ष्मण तिवारी ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश सिवान के यहां अपना पता ग्राम तरवारा,पोस्ट तरवारा थाना जी. बी. नगर जिला सिवान दिखाकर एक आदेश पारित करा लिए हैं।जिसमें जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने इसको ट्रस्टी घोषित किया है। जो एक परिवारिक व्यक्ति है।
जबकि मंदिर बैरागी संप्रदाय का है।जो मंदिर के खतियान में स्पष्ट रूप से उल्लेख है।ठाकुर जी वासायत जवाहर दास चेला बद्री दास कौम बैरागी ग्राम तरवारा के नाम से दर्ज है।न्यास समिति के पूर्व अध्यक्ष विजेंद्र सिंह से पूछने पर बताया कि श्री महेश जी तिवारी ग्राम भरतपुरा पोस्ट भरतपुरा थाना जी.बी. नगर जिला सिवान का निवासी है। एवं जन वितरण प्रणाली का डीलर है। जो तथ्य छुपा कर जिला एवं सत्र न्यायाधीश के यहां गलत शपथ पत्र के आधार पर आदेश पारित करा लिया है जो बैरागी नहीं है।जबकि तरवारा बाजार स्थित श्री राम जानकी मंदिर बैरागी समुदाय से वास्ता रखने वाला है।जिसको लेकर पटना उच्च न्यायालय में तथ्यों के साथ एमआईएस अपील किया गया है।