परवेज अख्तर/सिवान : पुरानी पेंशन योजना को लागू करने को ले बिहार प्रदेश शिक्षक संघ के सदस्यों ने रविवार को शहर के महादेवा स्थित सांसद ओमप्रकाश यादव के आवासीय कार्यालय पर एकदिवसीय शांतिपूर्ण उपवास का आयोजन किया। कार्यक्रम का नेतृत्व प्रदेश उपाध्यक्ष सह जिलाध्यक्ष शमसुद्दीन अहमद ने किया।। कार्यक्रम में सैकड़ों पेंशन विहीन शिक्षक कर्मी शामिल थे। शिक्षकों ने सांकेतिक उपवास कर सांसद को संबोधित ज्ञापन सौंपा। अपने वक्तव्य में वक्ताओं ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा सरकारी नौकरियों में 1 जनवरी वर्ष 2004 से पुरानी पेंशन को समाप्त कर नई पेंशन को कर दी गई। इस के वजह से 60 लाख शिक्षक, कर्मचारी व अधिकारी प्रभावित हैं। इन कर्मचारियों को 1 अप्रैल 2005 से नव परिभाषित अंशदायी पेंशन योजना लाकर पुरानी पेंशन से वंचित कर दिया गया। जिला सचिव सह राज्य स्तरीय कार्यकारिणी के सदस्य वीरेंद्र प्रसाद ने कहा कि संविधान में सरकारी सेवकों को पेंशन प्राप्त करने का प्रावधान है। पेंशन कोई भीख या दान नहीं है बल्कि यह सरकारी कर्मचारी द्वारा दी गई सेवा के बदले प्राप्त धनराशि है। बताया कि अगर पीएम नरेंद्र मोदी पुरानी पेंशन बहाल नहीं करते हैं, 26 नवंबर को तो संसद तक मार्च किया जाएगा। मौके पर रामकुमार सिंह, काशी नाथ मांझी, सुरेश कुमार कुशवाहा, तबस्सुम आरा, मो. रोजाद्दीन, अली असगर अंसारी, सुरेश प्रसाद कुशवाहा, बसंती देवी, रामाशंकर सिंह, अब्दुल मुनीम, मदन प्रसाद, संजीव रंजन, मो. मजीद समेत अन्य वित्तरहित शिक्षक मौजूद थे।
पुरानी पेंशन योजना बहाली को ले शिक्षकों ने रखा उपवास
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