- जिला स्वास्थ्य समिति में एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित
- सिविल सर्जन ने किया प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन
- महिलाओं के लिए गर्भनिरोध का नया साधन है एमपीए
- मास्टर ट्रेनर के द्वारा दिया गया प्रशिक्षण
छपरा: जिले में मातृ शिशु मृत्युदर को कम करने व जनसंख्या स्थिरी करण की दिशा में विभाग की ओर से कई योजनाएं चलायी जा रही हैं । महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिए अंतरा गर्भ निरोधक इंजेक्शन की शुरुआत की गयी है। अंतरा इंजेक्शन को लेकर जिला स्वास्थ्य समिति के सभागार में एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। जिसका उद्घाटन सिविल सर्जन डॉ. माधवेश्वर झा ने किया। प्रशिक्षण शिविर में सभी प्रखंडों से दो-दो जीएनएम को प्रशिक्षित किया गया। जलालपुर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सुभाष तिवारी ने मास्टर ट्रेनर के रूप में एमपीए के बारे में विस्तार से जानकारी दी। सिविल सर्जन डॉ माधवेश्वर झा ने बताया यह उन महिलाओं के लिए एक कारगर गर्भनिरोधक साधन है जो पहले बच्चे में देरी और उसके बाद के बच्चों के बीच उचित अंतराल रखना चाहती हैं । ये इंजेक्शन असानी से हाथ, जंघा या कूल्हे की मांसपेशियों में दी जा सकती है।प्रसव के 6 हफ्ते बाद से स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए ये एक सुरक्षित एवं कारगर उपाय है। प्रशिक्षण के दौरान लाभार्थियों को कैसे इंजेक्शन देने हैं , क्या- क्या सावधानी बरतनी चाहिए इन सबके बारे में जानकारी दी गयी। इस दौरान जिला स्वास्थ्य समिति के डीसीएम ब्रजेंद्र कुमार सिंह, डीएमईओ भानू शर्मा, केयर इंडिया की परिवार नियोजन समन्वयक प्रेमा कुमारी समेत सभी प्रखंडों के दो-दो जीएनएम शामिल थीं ।
अंतरा’ महिलाओं के लिए सुरक्षित विकल्प
डॉ. सुभाष तिवारी ने बताया कि अंतरा इंजेक्शन अनचाहे गर्भ को रोकने व दो बच्चों के बीच अंतर रखने का एक सुरक्षित अस्थायी गर्भनिरोधक विकल्प है । तीन माह (त्रैमासिक) के अंतराल में लगने वाला यह इंजेक्शन एक बार लगवाने पर तीन माह तक अनचाहे गर्भ से छुटकारा देता है | अंतरा इंजेक्शन जिला महिला चिकित्सालयों, सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों व उप-केंद्रों पर लगाया जाता है और यह पूरी तरह से निः शुल्क है|
पहला डोज़ लेने पर इन बातों का रखें ख्याल
केयर इंडिया की परिवार नियोजन समन्वयक प्रेमा कुमारी ने बताया उचित स्क्रीनिंग हो जाने पर गर्भनिरोधक इंजेक्शन को किसी भी समय चुना जा सकता है पर पहला डोज़ नियमित मासिक धर्म के पहले से सात दिन के अंदर लेना होगा, प्रसव के 6 सप्ताह के बाद, गर्भपात के तुरंत बाद लेना जरूरी है।
इंजेक्शन लगाने के बाद इन बातों को न करें नज़रंदाज
जहाँ इंजेक्शन लगा हो उस जगह मालिश न करें, इंजेक्शन की जगह पर गर्म से काई न करें, इंजेक्शन लगने के बाद 5-10 मिनट के लिए अस्पताल में ही रुकें और अंतरा कार्ड पर दी गयी तारीख पर ही इंजेक्शन लगवाएं व इसके लिए प्रेरित करें|
सुई लगाने से पहले लाभार्थी को दी जानेवाली सूचना
- मासिक अनियमितता: कम या अत्याधिक रक्तश्राव या मासिक धर्म रूक जाना
- वजन में वृद्धि
- एचआईवी या यौन संक्रमण से सुरक्षा नहीं
- उपयोग के पहले दो वर्षों में हड्डी मज्जा घनत्व में हल्की कमी