परवेज अख्तर/सिवान : शहर के मालवीय नगर महादेवा में बुधवार को स्वर्ण प्राशन संस्कार कार्यक्रम का आयोजन किया गया। पुष्प नक्षत्र के अविरल बेला में कई माता-पिता अपने नौनिहालों को लेकर सिवान में पहली बार आयोजित होने वाले स्वर्ण प्राशन संस्कार में पहुंचे थे, जिसमें जन्म से 16 वर्ष तक के बच्चे शामिल थे। पूरे शहर के लिए एक नया प्रयोग था जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ धी, धृति, स्मृति,मेधा, वृद्धि बढ़ाने के साथ शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए किया जा रहा है। महर्षि कश्यप एवं आचार्य वाग्भट्ट ने आयुर्वेद के संहिताओं में इसका वर्णन विस्तार से किया है। इस प्राशन को लगातार तीन से छह माह तक कराने से बच्चों को सर्दी, जुकाम, अतिसार, वायरल रोग नहीं होंगे। इन्हें बार-बार एंटीबायोटिक भी नहीं लेना पड़ेगा। सर्वप्रथम वार्ड पार्षद सलीम सिद्दीकी उर्फ पिंकू, डॉ. केडी रंजन, असिस्टेंट प्रोफेसर काजल बला,शिक्षिका चंदन कुमार दुबे ने बच्चों का स्वर्ण प्राशन कराकर संस्कार कार्यक्रम का उद्घाटन किया। चांदी के कटोरी एवं चांदी के चम्मच से इस दिव्य औषधि को नौनिहालों को दिया गया। सलीम सिद्दीकी ने बताया कि यह एक तरह का आयुर्वेदिक टीकाकरण है जिससे बच्चों में रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ने के साथ ही मानसिक विकास भी करता है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे अपने बच्चों का स्वर्ण प्राशन निश्चित रूप से कराएं। डॉ. केडी रंजन ने बताया कि यह भारत की प्राचीन परंपरा रही है जो आज विलुप्त हो रही थी जिसे सिवान की धरती से पुन: शुरू किया गया है। इस अवसर पर 50 से अधिक बच्चों का स्वर्ण प्राशन किया गया। इस मौके पर विशाल कुमार, अर्जुन कुमार, सतीश सिंह, मेराज अहमद, संजय कुमार आदि उपस्थित थे।
स्वर्ण प्राशन नौनिहालों को कई रोगों से दिलाता है मुक्ति
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